आधी-अधूरी सड़क निर्माण की दशा हुई दयनीय
ग्रामीणों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के पूर्व आननफानन पूर्व सरकार ने लाभ पाने की दृष्टि से इस मार्ग के निर्माण का कार्य प्रारंभ कराया। पूर्व में जो सड़क थी उसके डामरीकरण को उखाड़ दिया गया। काम बंद हुआ तो साल भर में मार्ग की हालत इतनी दयनीय हो गई है कि जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए व गिट्टी उखड़ गई चलने वाले वाहनों से मार्ग में 24 घंटे धूल का गुबार फैला रहता है। यहां से गुजरने वाले यात्री हर पल दुर्घटना के साए में रहते हैं। उडऩे वाली धूल से लोगों को श्वांस संबंधी बीमारी हो रही है फिर भी जनप्रतिनिधि मौन बैठे हैं। कांग्रेस व भाजपा के लोग एक दूसरे पर आरोप लगाकर अपना पल्ला झाड़ते दिख रहे हैं। यह क्षेत्र की जनता के साथ सरासर अन्याय है।
ग्रामीणों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के पूर्व आननफानन पूर्व सरकार ने लाभ पाने की दृष्टि से इस मार्ग के निर्माण का कार्य प्रारंभ कराया। पूर्व में जो सड़क थी उसके डामरीकरण को उखाड़ दिया गया। काम बंद हुआ तो साल भर में मार्ग की हालत इतनी दयनीय हो गई है कि जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए व गिट्टी उखड़ गई चलने वाले वाहनों से मार्ग में 24 घंटे धूल का गुबार फैला रहता है। यहां से गुजरने वाले यात्री हर पल दुर्घटना के साए में रहते हैं। उडऩे वाली धूल से लोगों को श्वांस संबंधी बीमारी हो रही है फिर भी जनप्रतिनिधि मौन बैठे हैं। कांग्रेस व भाजपा के लोग एक दूसरे पर आरोप लगाकर अपना पल्ला झाड़ते दिख रहे हैं। यह क्षेत्र की जनता के साथ सरासर अन्याय है।
मार्ग पर आवागमन करने वाले ग्रामीणों सहित छात्रों को होती है परेशानी
मार्ग की जर्जर हालत से प्रतिदिन हजारों की संख्या में स्कूल पढऩे वाले बच्चे भी इस मार्ग निर्माण के रुकावट से खासे परेशान हैं। उनका भविष्य भी खतरे में है और बोरतलाव सहित ग्रामीण अंचल के विकास को तो जैसे ग्रहण लग गया है। इसलिए ग्रामीणों ने अब आमरण अनशन के साथ-साथ चक्काजाम की रणनीति भी बनाई है। जल्द ही हजारों की संख्या में ग्रामीण इस मार्ग में ***** जाम करेंगे तभी शायद शासन-प्रशासन की आंख खुलेगी।
मार्ग की जर्जर हालत से प्रतिदिन हजारों की संख्या में स्कूल पढऩे वाले बच्चे भी इस मार्ग निर्माण के रुकावट से खासे परेशान हैं। उनका भविष्य भी खतरे में है और बोरतलाव सहित ग्रामीण अंचल के विकास को तो जैसे ग्रहण लग गया है। इसलिए ग्रामीणों ने अब आमरण अनशन के साथ-साथ चक्काजाम की रणनीति भी बनाई है। जल्द ही हजारों की संख्या में ग्रामीण इस मार्ग में ***** जाम करेंगे तभी शायद शासन-प्रशासन की आंख खुलेगी।