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कोर्ट के आदेशों का किया उल्लंघन और नियमों के विरूद्ध शिक्षकों की अतिशेष सूची कर दी जारी …

locationराजनंदगांवPublished: Nov 17, 2019 09:45:40 am

Submitted by:

Nitin Dongre

दीवाली में सवा सौ शिक्षकों का वेतन रोका गया

Violation of court orders and against the rules, the teachers continue to have a surplus list…

कोर्ट के आदेशों का किया उल्लंघन और नियमों के विरूद्ध शिक्षकों की अतिशेष सूची कर दी जारी …

राजनांदगांव. जिले में शासन की नीति, नियमों, अधिसूचनाओं तथा हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करके अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी करके १३ नवम्बर तक दावा-आपत्ति मांगा गया था। जिले के सौ से अधिक शिक्षकों को मानपुर और मोहला ब्लाक की शालाओं में अध्यापन व्यवस्था के लिए स्थानांतरित किया गया था। इस स्थानांतरण को छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के सात शिक्षकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दिया था और हाईकोर्ट ने शासन के नीति और नियमों के विरूद्ध मानकर स्थानांतरण को शून्य घोषित किया था।
हाई कोर्ट के आदेश को ८ नंवबर को कलक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष ने प्रस्तुत किया तो न्यायालयीन आदेश के पालनार्थ जिला शिक्षा अधिकारी ने तत्काल ८ नवम्बर को ही मानपुर व मोहला ब्लाक में शिक्षा विभाग के शिक्षकों के स्थानांतरण को शून्य घोषित करने का आदेश समस्त विकास खण्ड शिक्षा अधिकारियों को दिया है।
शिक्षकों के साथ अमावीय अत्याचार का लगाया आरोप

समस्त शिक्षकों को निरन्तर कार्यरत माना जाएं तथा दीपावली के महत्वूपर्ण पर्व पर स्थानांतरित शिक्षकों का वेतन भुगतान न करके शिक्षक परिवारों पर अमानवीय अत्याचार किया गया है। स्थानांतरण को शून्य घोषित करने से आदिवासी क्षेत्रों में किया गया स्थानांतरण अवैधानिक प्रमाणित हो गया है। इसलिए पीडि़त शिक्षकों को अक्टूबर माह का वेतन ब्याज सहित अविलम्ब भुगतान किया जाए।
प्रभारी मंत्री के तबादला आदेशों का पालन नहीं

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के जिला सचिव रविकांत यादव ने बताया कि शासन की स्थानांतरण नीति के अनुसार प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से और कलेक्टर के हस्ताक्षर से १२ जुलाई २०१९ को जिन शिक्षकों का स्थानांतरण आदेश जारी किया गया था, उन शिक्षकों का नाम भी ७ नवम्बर को जारी अतिशेष सूची में दर्शाकर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जारी स्थानांतरण आदेश का उल्लंघन किया गया है। स्थानांतरण आदेश को नीति के विरूद्ध दर्शाने वाले अधिकारियों को तत्काल निलम्बित करना चाहिए अन्यथा जिले में प्रशासनिक अराजकता की गंभीर स्थिति पैदा होने से शासन प्रशासन की छबि धुमिल होगी।
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