ठंडी बढऩे के गर्म कपड़ों की मांग बढ़ी है। वहीं बच्चे व बुजुर्गों में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में इन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। हैरत की बात है कि ठंड से बचने के लिए निगम प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। चौक-चौराहों में अलाव नहीं जलाए गए हैं, तो वहीं रैन बसेरे में भी ठंड से बचने उपाए का अभाव है।
इस कडकड़़ाती ठंड में सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निजी स्कूल सुबह 7 से 8 बजे से संचालित हो रही है। ऐसे में इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को एक घंटा पहले तैयारी कर आधी घंटे पहले बस स्टाप तक छोडऩे में अभिभावकों को भी दिक्कतें आ रही है।
बढ़ जाता है कोल्ड अटैक का खतरा
विशेषज्ञों की माने तो ठंड अधिक होने की स्थिति में बच्चे और बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी होती है। दमा के मरीजों को भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। बच्चों में कोल्ड अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए गर्म कपड़े, गर्म पानी व गर्म भोजन करने की जरूरत है।
खेती-किसानी के लिए फायदेमंद होगा
कृषि वैज्ञानिकों की माने तो ठंडी अच्छी पडऩे और शीतलहर होने से कृषि के लिए फायदेमंद है। अभी किसान दलहनी, तिलहनी सहित गेहूं और सब्जी की बोआई कर रहे हैं। शीतलहर से नमी आती है, जो दलहन-तिलहन फसल के लिए बेहतर साबित होगा।