ज्ञात हो कि पखवाड़े भर पहले छुरिया ब्लाक के बीएमओ डॉ. किरण चांदेकर के सरकारी आवास में भारी मात्रा में सरकारी दवाओं का जखीरा बरामद हुआ था। शिकायत पर तहसीलदार ने दवाओं को जब्त कर पंचनामा तैयार किया था। इसमें बड़ी बात यह थी कि एक्सपायरी दवाओं का यहां रेपर बदलने का खेल चल रहा था। जब एक्सपायरी दवाओं को डिस्पोज करना ही था, तो रेपर को धोने की क्या जरूरत थी।
इस पर बीएमओ ने कहानी यह बताई कि वे डिब्बे का उपयोग करना चाह रहे थे। डिब्बे का उपयोग करना ही है, तो सरकारी आवास में लाकर चोरी-चुपके क्यों धोया जा रहा था। डिब्बे का रेपर दवाई को डिस्पोज करने के निकाला जा सकता था। इन सब सवालों को जांच टीम नजर अंदाज कर दिया। स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी इस तरह की गंभीर लापरवाही पर आंख मूंदे बैठे रहे।
परिसर में दवाइयों को जलाने के मिले थे निशान
ज्ञात हो कि परिसर में एक्सपायरी दवा सहित अन्य मेडिकल वेस्टेज को जलाने के निशान भी मिले थे, जिसे गलत ढंग से डिस्पोज किया गया था। इससे वहां रोपे गए पौधे भी झुलस गए थे। इस मामले में भी बीएमओ पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि इस मामले में तो तत्कालिक कार्रवाई सीएमएचओ द्वारा की जा सकती थी।
जांच टीम में ड्रग विभाग के अफसर, स्वास्थ्य विभाग से डाक्टर, तहसीलदार व एसडीएम शामिल थे, उन्होंने जांच रिपोर्ट सीएमएचओ को सौंपी जा चुकी है। फिलहाल सीएमएचओ ने छुट्टी में रहने की वजह से रिपोर्ट नहीं देख पाने की बात कही है। जल्द ही रिपोर्ट देखने के बाद निर्णय लेने की बात कही है।
इस मामले में सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि जांच रिपोर्ट आ गई है। देखा नहीं हूं। अधूरी जांच हुई होगी, तो पूरी कराई जाएगी।