मशहूर रंगकर्मी और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार हासिल करने वाले दीपक विराट के पुत्र सूरज विराट का बीते दिनों निधन हो गया था। घर में सूरज के शव के सामने उसकी लोक कलाकार मां पूनम तिवारी ने ‘चोला माटी के हे रामÓ गाकर सबको झकझोर दिया था। ऐसा ही एक दृश्य मुक्तिधाम में भी नजर आया जब बेटे की जलती चिता के सामने मां ने फिर यही गीत गाया। शुक्रवार को सूरज की तेरहवीं थी और यह भी उसी अंदाज में मनी।
गाए गए जीवन के गीत सूरज विराट की तेरहवीं पर उसके परिवार और साथी कलाकारों में संगीतमय श्रद्धांजलि का कार्यक्रम रखा। शुक्रवार शाम ६ बजे से लेकर रात लगभग ११ बजे तक कलाकारों ने सूरज को श्रद्धांजलि अर्पित की। सूरज रंग छत्तीसा नाम की सांस्कृतिक संस्था चलाता था, इस संस्था ने सूरज की मंच में मौजूदगी का अहसास दिलाते हुए जीवन की क्षणभंगुरता को लेकर प्रस्तुति दी।
पूरा परिवार दिखा मंच पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सूरज की मां पूनम के अलावा दोनों बहनें और पिता दीपक विराट भी मंच पर नजर आए। शारीरिक अशक्तता के चलते दीपक एक दशक से ज्यादा समय से मंचों से दूर हैंं लेकिन शुक्रवार रात वे सहारे की सहायता से मंच पर पहुंचे और उन्होंने भी गीत गाया। इस दौरान राजनांदगांव, दुर्ग और रायपुर सहित विभिन्न क्षेत्रों के कलाकार मौजूद रहे।
जिस दिन जन्म, उसी दिन मृत्यु लोक कलाकार सूरज विराट का जन्म 2 नवंबर 19८७ को हुआ था। यह दुखद संयोग रहा कि 2 नवंबर 2019 को सूरज की मृत्यु हो गई। सूरज को हृदय रोग की समस्या थी और वह हार्टअटैक के बाद इलाज के लिए भिलाई के निजी अस्पताल में भर्ती था यहां उसकी मौत हो गई थी।