scriptसफेद हाथी साबित हो रहे हैं एनीकट, रेत माफियाओं का है बोलबाला | White elephants are being proved, Aniket is swayed by the sand mafia | Patrika News

सफेद हाथी साबित हो रहे हैं एनीकट, रेत माफियाओं का है बोलबाला

locationराजनंदगांवPublished: May 25, 2019 09:49:18 pm

Submitted by:

Nakul Sinha

एनीकटों में नहीं रूक है पानी

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एनीकट की हाईट कम होने से नहीं रूक पा रहा पानी।

राजनांदगांव / डोंगरगांव. इन दिनों गर्मी के चलते तापमान में लगातार वृद्धि हो रही और गर्मी की वजह से जनमानस सहित पशु-पक्षियों को पानी के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बढ़ते तापमान और पानी की गैरमौजूदगी के कारण पक्षियों की जान जा रही है, वहीं पालतू पशुओं गाय, बैल, भैंस, बकरी आदि पानी के प्यासे दर-दर भटक रहे हैं। इधर अंचल के तालाब सहित पानी स्टोर करने के लिए बनाए गए अधिकांश एनीकटों में पानी नहीं है।
स्टोर क्षमता कम होने से नहीं रूक है पानी
क्षेत्र में जल स्टोर करने के लिए बनाए गए एनीकटों में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सूखा है। एकाध एनीकट को छोड़ बाकी एनीकट सूखे पड़े हैं और एनीकटों के सूखने की वजह से नजदीकी ग्रामों में पानी का रिचार्ज सिस्टम भी पूरी तरह से खत्म हो गया है। इस गर्मी में अनेक ग्रामों में निस्तारी के लिए पानी की किल्लत सामने आ रही है। कुएं और तालाब पूरी तरह से सूख चुके हैं, जिसकी वजह से पालतू पशु पानी के लिए भटक रहे हैं। पूरे शिवनाथ नदी व घुमरिया नदी में बड़ी संख्या में एनीकट बनाए गए हैं किन्तु इन एनीकटों में पानी क्यों नहीं रोका जा रहा है।
एनीकटों में रेत माफियाओं का है बोलबाला
गर्मी में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या को देखते हुए एनीकट जैसी महत्वाकांक्षी योजना लागू की गई पर ये योजना भी अन्य प्लान की तरह सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। नदियों में पानी को रोकने के लिए क्षेत्र में अनेक एनीकट बनाए तो गए हैं किंतु वहां बूंद भर पानी नहीं और हालात जस का तस है। आखिर इन एनीकटों में पानी भरने की जिम्मेदारी शासन प्रशासन क्यों नहीं लेती और केवल रेत के चक्कर में जीवनदायनी पानी को बेखौफ होकर छोड़ दिया जा रहा है। कोई ठोस कार्रवाई के अभाव में यह खेल प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी चला है और ग्रामीण व पालतू पशु-पक्षी पानी के लिए परेशान हो रहे हैं।

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