राज्य सरकार की ओर से की गई बोनस की घोषणा पर जोगी ने कहा कि किसानों को दो साल का नहीं बल्कि पूरे पांच साल का बोनस चाहिए। जोगी ने यहां छत्तीसगढ़ी में ही पूरा भाषण दिया। बार-बार छत्तीसगढ़ी में दोहा बोलकर सरकार की खामियां गिनाई। कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद ही घोषणा पत्र जारी कर कहा था कि धान का समर्थन मूल्य २१०० रुपए और हर साल बोनस देने की घोषणा की थी, अब जब जमीन खिसक रही है तो खुद को किसान हितैषी बताते हुए दो साल का बोनस देने की घोषणा कर फिर से ठगने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
जोगी ने कहा कि ईश्वर की कृपा से मैं कई पदों पर रहा। मुझे पेंशन मिल रही है। मेरे दोनों पैर टूट गए हैं। चाहता तो घर पर आराम करता, लेकिन मैंने अपने परिवार के सदस्यों को बता दिया है कि अब मेरा परिवार छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ लोग हैं। इनके हक के लिए ही मैं संघर्ष करने के लिए निकल पड़ा हूं। सभा को पार्टी के जिला अध्यक्ष जरनैल सिंह भाटिया, शहर जिला अध्यक्ष मेहुल मारू, प्रकाश देशलहरा ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन मोती उइके ने और आभार प्रदर्शन कुतबुद्दीन सोलंकी ने किया।
जोगी ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि मैं खाऊंगा और न खाने दूंगा। अच्छी बात है कि वे नहीं खा रहे हैं पर विडंबना है कि खाने वालों को पीएम नहीं रोक पा रहे हैं। मुख्यमंत्री के दलित के भोजन करने की बात पर कहा कि अब चिडिय़ा खेत चुग गई है, तब मुख्यमंत्री को जनता की याद आ रही है।