खाद की मांग बढ़ी
सबसे खास बात यह है कि कचरे से बन रही खाद से महिलाएं पर्यावरण के प्रति जागरूकता का दायित्व भी पूरा कर रही है। शहर के प्रत्येक घरों से संग्रहित होने वाले गीला और सूखा कचरा संग्रहण के दौरान सागसब्जी, पत्ते, फल के छिलको जैसे कचरों से सेंटर मे वर्मी कंम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है। इन कचरों का सदुपयोग कर खाद बना रही महिलाओं द्वारा इसका विक्रय भी जारी है हालंकि अभी इसकी निर्माण मात्रा कम है लेकिन इसके फायदे के कारण अब जानकार लोग सेंटर तक इसकी मांग लेकर पहुँचने लगे है।
सबसे खास बात यह है कि कचरे से बन रही खाद से महिलाएं पर्यावरण के प्रति जागरूकता का दायित्व भी पूरा कर रही है। शहर के प्रत्येक घरों से संग्रहित होने वाले गीला और सूखा कचरा संग्रहण के दौरान सागसब्जी, पत्ते, फल के छिलको जैसे कचरों से सेंटर मे वर्मी कंम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है। इन कचरों का सदुपयोग कर खाद बना रही महिलाओं द्वारा इसका विक्रय भी जारी है हालंकि अभी इसकी निर्माण मात्रा कम है लेकिन इसके फायदे के कारण अब जानकार लोग सेंटर तक इसकी मांग लेकर पहुँचने लगे है।
कचरा समझ फेंकते है बाहर
पर्यावरण को बचाए रखने के प्रयास में यह कदम स्वागतयोज्य है। रासायनिक खादो की बढ़ती मांग और इसके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव के चलते लोगों के बीच अब वर्मी कम्पोस्ट की मांग बढ़ रही है, कारण इसका निर्माण भी गैस प्राकृतिक रूप है और इसका उपयोग फसल के साथ-साथ सेहत के लिए भी लाभदायक है। ऐसे में नगरपालिका द्वारा चलाए जा रहे सेंटर में इसका निर्माण छह माह पूर्व शुरू कराया गया। घर से निकलने वाले सब्जीभाजी, फलों के कचरे को एकत्रित कर खाद निर्माण प्रक्रिया शुरू की गई। गार्डन सहित क्यारी पसंद लोगों को उक्त खाद पसंद आ रही है। जिसके बाद इसका निर्माण बढ़ाने कवायद जारी है।
पर्यावरण को बचाए रखने के प्रयास में यह कदम स्वागतयोज्य है। रासायनिक खादो की बढ़ती मांग और इसके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव के चलते लोगों के बीच अब वर्मी कम्पोस्ट की मांग बढ़ रही है, कारण इसका निर्माण भी गैस प्राकृतिक रूप है और इसका उपयोग फसल के साथ-साथ सेहत के लिए भी लाभदायक है। ऐसे में नगरपालिका द्वारा चलाए जा रहे सेंटर में इसका निर्माण छह माह पूर्व शुरू कराया गया। घर से निकलने वाले सब्जीभाजी, फलों के कचरे को एकत्रित कर खाद निर्माण प्रक्रिया शुरू की गई। गार्डन सहित क्यारी पसंद लोगों को उक्त खाद पसंद आ रही है। जिसके बाद इसका निर्माण बढ़ाने कवायद जारी है।
ग्राहकों को आ रही पसंद
नगरपालिका के एसएलआरएम सेंटर में बन रही खाद का फिलहाल सबसे बड़ा ग्राहक संगीत विवि है। यहां बनाए गए गमलों और क्यारियों में इसी खाद का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे मे जानकारी होने पर अब शहर सहित ग्रामीण इलाकों से भी लोग सेंटर तक इसकी डिमांड लेकर पहुंच रहे है। फिलहाल इसका उत्पादन काफी कम है जिसे बढ़ाने की तैयारी है। गार्डन, गमलों के साथ-साथ छोटे जगहों पर उगाई जाने वाली सब्जियों के लिए यह वरदान साबित हो रही है। पर्यावरण संरक्षण के लिए भी यह फायदेमंद है।
नगरपालिका के एसएलआरएम सेंटर में बन रही खाद का फिलहाल सबसे बड़ा ग्राहक संगीत विवि है। यहां बनाए गए गमलों और क्यारियों में इसी खाद का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे मे जानकारी होने पर अब शहर सहित ग्रामीण इलाकों से भी लोग सेंटर तक इसकी डिमांड लेकर पहुंच रहे है। फिलहाल इसका उत्पादन काफी कम है जिसे बढ़ाने की तैयारी है। गार्डन, गमलों के साथ-साथ छोटे जगहों पर उगाई जाने वाली सब्जियों के लिए यह वरदान साबित हो रही है। पर्यावरण संरक्षण के लिए भी यह फायदेमंद है।
पर्यावरण संरक्षण
सीएमओ नगर पालिका खैरागढ़ पीएस सोम ने कहा कि खाद की निर्माण फिलहाल कम है इसे बढ़ाने की तैयारी है खाद के लिए विवि सहित अन्य जगहों से अब बेहतर डिमांड आ रही है ऐसे में इसका निर्माण बढ़ाया जाएगा इससे आर्थिक रूप फायदा होने के साथ पर्यावरण संरक्षण की कार्यवाही होगी।
सीएमओ नगर पालिका खैरागढ़ पीएस सोम ने कहा कि खाद की निर्माण फिलहाल कम है इसे बढ़ाने की तैयारी है खाद के लिए विवि सहित अन्य जगहों से अब बेहतर डिमांड आ रही है ऐसे में इसका निर्माण बढ़ाया जाएगा इससे आर्थिक रूप फायदा होने के साथ पर्यावरण संरक्षण की कार्यवाही होगी।