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वर्षो पुराने निर्मित मां नर्मदा कुंड के लिए बनाए नाले में बजरी डालकर किया जा रहा बंद

locationराजनंदगांवPublished: Jun 04, 2020 08:22:04 am

Submitted by:

Nakul Sinha

मंदिर में 50 साल पहले हुआ था नाला का निर्माण

Year old construction of mother Narmada Kund for gravel in the drain being closed

मंदिर में 50 साल पहले हुआ था नाला का निर्माण

राजनांदगांव / गंडई पंडरिया. गंडई से महज 5 किमी की दूरी पर स्थित आस्था और विश्वास का केंद्र कहे जाने वाले मां नर्मदा मंदिर एवं कुंड है। उक्त मंदिर और कुंड वर्षो पहले से वहां स्थापित है और हर साल मंदिर को लेकर 3 दिवसीय मेले का आयोजन होता आ रहा है। यहां स्थित नर्मदा कुंड से निकलने वाले पानी एवं खेतों सहित जंगलों से बारिश के दिनों में बहकर आने वाले पानी के लिए नाला का निर्माण वर्षो पहले किया गया था जो कि नर्मदा कुंड के पास से होकर नर्मदा के क्षेत्र के आखिरी हिस्से से होते हुए बनाया गया है। उक्त नाला विगत 50 वर्षों से अधिक समय से उक्त स्थान पर बनाया गया है परंतु अभी हाल फिलहाल में फुलेन्द्र कुमार जंघेल निवासी खैरा नवापारा द्वारा उक्त नाले में बजरी डालकर नाले के एक बड़े हिस्से को पटवाया जा रहा है जिसके कारण मां नर्मदा का पानी अवरुद्ध हो रहा है। पानी के बहाव के अवरुद्ध हो जाने से भविष्य में नर्मदा कुंड के पानी का दूषित होने की संभावना बनी हुई है।
नर्मदा कुंड के नाले को लेकर अधिकारी, जनप्रतिनिधि व आमजनों की प्रक्रियाएं
सरपंच ग्राम चकनार, डोंगेेंद्र सोरी ने कहा कि मामले को लेकर तहसीलदार प्रफुल्ल गुप्ता के पास गया था। उनका कहना था कि इस मामले पर पंचायत सक्षम है। प्रस्ताव बनवाकर कार्रवाई कर सकते है अत: पंचायत में प्रस्ताव बनवाकर कार्रवाई करेंगे।
मौके पर उपस्थित ग्रामीणजन का कहना है कि मौके पर स्थित ग्रामीणों की माने तो उक्त नाला बीते 50 सालों से उक्त जगह पर है और इसी नाले से कुंड का अतिरिक्त पानी का बहाव होता आ रहा है। उक्त ग्रामीण द्वारा नाले को पाटा जाना गलत है।
सरपंच ग्राम पंचायत खैरा, शारदा गोरे लाल जंघेल ने कहा कि मामले को लेकर सही जानकारी नही होना बताया गया और गोलमोल जवाब दिया गया।
अध्यक्ष नर्मदा मंदिर समिति, बिसाहू राम सिन्हा ने कहा कि वर्षो पहले से नाला बना हुआ है। उक्त ग्रामीण के द्वारा नाले को पटवाया जाना गलत है। मामले को लेकर उच्च अधिकारियों को समिति द्वारा आवेदन करेंगे।
ग्रामीण खैरा नवापारा, फुलेंद्र कुमार जंघेल ने कहा कि नाला का सार्वजनिक शौचालय तक का कुछ हिस्सा मेरे जमीन पर आ रहा है इसलिए मेरे द्वारा नाले को पटवाया जा रहा है। मेरी यहां पर 29 डिसमिल जमीन है जिसमें नाला निर्माण कर दिया गया था अब मुझे अपने जमीन पर स्कूल बनवाना है इसलिए अपने जमीन पर मटेरियल डलवा रहा हूं।
आरआई साजा, अशोक जंघेल का कहना है कि सीमांकन करवाए जाने के समय क्षेत्र के आईआई रहे अशोक जंघेल से मोबाइल पर संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि 3 साल पहले मेरे द्वारा सीमांकन किया गया था जिसमें उक्त नाला यथावत मंदिर के अंतर्गत आ रहा था।
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