नर्मदा कुंड के नाले को लेकर अधिकारी, जनप्रतिनिधि व आमजनों की प्रक्रियाएं
सरपंच ग्राम चकनार, डोंगेेंद्र सोरी ने कहा कि मामले को लेकर तहसीलदार प्रफुल्ल गुप्ता के पास गया था। उनका कहना था कि इस मामले पर पंचायत सक्षम है। प्रस्ताव बनवाकर कार्रवाई कर सकते है अत: पंचायत में प्रस्ताव बनवाकर कार्रवाई करेंगे।
मौके पर उपस्थित ग्रामीणजन का कहना है कि मौके पर स्थित ग्रामीणों की माने तो उक्त नाला बीते 50 सालों से उक्त जगह पर है और इसी नाले से कुंड का अतिरिक्त पानी का बहाव होता आ रहा है। उक्त ग्रामीण द्वारा नाले को पाटा जाना गलत है।
सरपंच ग्राम पंचायत खैरा, शारदा गोरे लाल जंघेल ने कहा कि मामले को लेकर सही जानकारी नही होना बताया गया और गोलमोल जवाब दिया गया।
अध्यक्ष नर्मदा मंदिर समिति, बिसाहू राम सिन्हा ने कहा कि वर्षो पहले से नाला बना हुआ है। उक्त ग्रामीण के द्वारा नाले को पटवाया जाना गलत है। मामले को लेकर उच्च अधिकारियों को समिति द्वारा आवेदन करेंगे।
ग्रामीण खैरा नवापारा, फुलेंद्र कुमार जंघेल ने कहा कि नाला का सार्वजनिक शौचालय तक का कुछ हिस्सा मेरे जमीन पर आ रहा है इसलिए मेरे द्वारा नाले को पटवाया जा रहा है। मेरी यहां पर 29 डिसमिल जमीन है जिसमें नाला निर्माण कर दिया गया था अब मुझे अपने जमीन पर स्कूल बनवाना है इसलिए अपने जमीन पर मटेरियल डलवा रहा हूं।
आरआई साजा, अशोक जंघेल का कहना है कि सीमांकन करवाए जाने के समय क्षेत्र के आईआई रहे अशोक जंघेल से मोबाइल पर संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि 3 साल पहले मेरे द्वारा सीमांकन किया गया था जिसमें उक्त नाला यथावत मंदिर के अंतर्गत आ रहा था।
सरपंच ग्राम चकनार, डोंगेेंद्र सोरी ने कहा कि मामले को लेकर तहसीलदार प्रफुल्ल गुप्ता के पास गया था। उनका कहना था कि इस मामले पर पंचायत सक्षम है। प्रस्ताव बनवाकर कार्रवाई कर सकते है अत: पंचायत में प्रस्ताव बनवाकर कार्रवाई करेंगे।
मौके पर उपस्थित ग्रामीणजन का कहना है कि मौके पर स्थित ग्रामीणों की माने तो उक्त नाला बीते 50 सालों से उक्त जगह पर है और इसी नाले से कुंड का अतिरिक्त पानी का बहाव होता आ रहा है। उक्त ग्रामीण द्वारा नाले को पाटा जाना गलत है।
सरपंच ग्राम पंचायत खैरा, शारदा गोरे लाल जंघेल ने कहा कि मामले को लेकर सही जानकारी नही होना बताया गया और गोलमोल जवाब दिया गया।
अध्यक्ष नर्मदा मंदिर समिति, बिसाहू राम सिन्हा ने कहा कि वर्षो पहले से नाला बना हुआ है। उक्त ग्रामीण के द्वारा नाले को पटवाया जाना गलत है। मामले को लेकर उच्च अधिकारियों को समिति द्वारा आवेदन करेंगे।
ग्रामीण खैरा नवापारा, फुलेंद्र कुमार जंघेल ने कहा कि नाला का सार्वजनिक शौचालय तक का कुछ हिस्सा मेरे जमीन पर आ रहा है इसलिए मेरे द्वारा नाले को पटवाया जा रहा है। मेरी यहां पर 29 डिसमिल जमीन है जिसमें नाला निर्माण कर दिया गया था अब मुझे अपने जमीन पर स्कूल बनवाना है इसलिए अपने जमीन पर मटेरियल डलवा रहा हूं।
आरआई साजा, अशोक जंघेल का कहना है कि सीमांकन करवाए जाने के समय क्षेत्र के आईआई रहे अशोक जंघेल से मोबाइल पर संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि 3 साल पहले मेरे द्वारा सीमांकन किया गया था जिसमें उक्त नाला यथावत मंदिर के अंतर्गत आ रहा था।