दिन में रेकी, रात को चोरी बदमाश दिन में रेकी कर ट्रांसफार्मर को चुन लेते और रात को ट्रांसफार्मर से ऑयल चुरा ले जाते। ट्रांसफार्मर के एक कोने में छेद कर देते, जिससे ऑयल निकलने लगता और उसके नीचे प्लास्टिक ड्रम रख देते। एक जगह ड्रम में ऑयल भरता, तब तक वे दूसरी जगह के ट्रासंफार्मर में भी इसी छेद कर ड्रम नीचे रख देते। फिर ऑयल से भरे ड्रम लेकर भाग जाते। एक ही रात में सात से आठ विद्युत ट्रांसफार्मर से ऑयल चुरा लेते।
हाइवे पर बेच देते ऑयल ट्रांसफार्मर से ऑयल चुराकर कपासन से चित्तौडग़ढ़ हाइवे पर खुलेआम ऑयल बेचते। वाहन संचालक भी सस्ता मिलने से खरीद लेते। एक ट्रांसफार्मर में 50 से 60 लीटर ऑयल होता, जिसकी कीमत दस हजार रुपए तक होती है, लेकिन आरोपी 2 से 3 हजार तक बेच देते थे। पुलिस ने बताया कि इसका मास्टरमाइंड शांतिलाल खटीक है, जो अक्सर पूरा ऑयल लेकर खुद ही बेच देता। कई बार बायो डीजल पंप पर भी आपूर्ति कर देता।
विद्युत निगम को लाखों की चपत ( Oil Theft Gang in Rajasthan ) एक विद्युत ट्रांसफार्मर औसतन 50 हजार रुपए का होता है। ऑयल खत्म होने के बाद ट्रांसफार्मर जल जाता। इसके चलते निगम को लाखों रुपए की चपत लग चुकी है। इस कारण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति भी प्रभावित होती है, जिससे लोगों को भी काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है।