कार्यकारी एजेंसी एवं ठेकेदार की मिलीभगत से भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए लोगों ने कहा कि सरेआम दिख रहा है कि किस तरह सरकारी पैसे को जनता के लिए सही इस्तेमाल करने के बजाय उसका दुरुपयोग किया जा रहा है।
तकनीकी जानकारों ने बताया कि किसी भी सड़क निर्माण के लिए तय चरण होते हैं। सबसे पहले गिट्टी डाली जाती है, फिर मिट्टी, फिर रोलिंग कर ग्रेवल को दबाकर सपाट किया जाता है। उसके बाद डामर गिट्टी और अंत में पेवरीकरण किया जाता है। लोगों ने बताया कि यहां ऐसा कुछ भी नहीं किया गया सार्वजनिक निर्माण विभागीय अधिकारियों की घोर लापरवाही एवं मॉनिटरिंग के अभाव में ठेकेदार ने केवल डामर-गिट्टी डालकर खानापूर्ति कर दी।
ग्रामीणों का आरोप है कि डीएमएफटी में पूर्ववर्ती सरकार में स्वीकृत 75 लाख रुपए की सड़क के निर्माण कार्य में बेहद लापरवाही बरती गई। लोगों ने कार्यकारी एजेंसी पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार पर सवाल उठाए हैं। लोग नाराज हैं कि 75 लाख रुपए की सड़क पर लोग 75 दिन भी नहीं चल पाए और यह उखड़ गई।
बताया कि आज़ादी के बाद पहली बार यह बहुप्रतीक्षित सड़क बनी है। सड़क गांव से अरावली की खूबसूरत वादियों में स्थित गोमथड़ा भैरूजी मंदिर, पहाड़ पर गोरमजी मंदिर, वायड भैरूजी मंदिर, गोरमघाट रेलवे स्टेशन तक जाने का एकमात्र रास्ता है। इसका इंतज़ार लंबे से समय से किया जा रहा था। यह सड़क मेवाड़ को मारवाड़ तक जोडऩे के लिए भी काम आएगी। क्षेत्रवासियों ने सड़क को गुणवत्तायुक्त बनाने की मांग की है।
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निर्माण घटिया होने की शिकायत पर संवेदक को बुलाकर 15 दिन में पुन: निर्माण करने के लिए पाबंद किया है। पुनर्निर्माण नहीं करने पर समस्त राशि जब्त कर संवेदक को ब्लैक लिस्टेड करेंगे। सड़क निर्माण कार्य का भुगतान रोक लिया है। काछबली से गोरामथड़ा सड़क डामरीकरण दोबारा करवाया जाएगा।
केआर मीणा, अधिशासी अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, खण्ड भीम