पुलिस की शुरुआती पूछताछ में मनोज माली ने बताया कि वह कई जनों के लिए पैसे इधर-उधर करने का काम करता है। हवाले के जरिये वह खुद के बैंक खातों में भी पैसे डलवाता है और फिर सामने वाले के बताए अनुसार दूसरे खाते में ट्रांसफर कर देता है। घोड़च उपसरपंच के दो लाख रुपए भी उसने जेल में बंद सुरेश तेली के बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए थे। पुलिस इस पूरे नेटवर्क को पता लगाने में जुट गई है।
बाड़मेर जेल में बंद मास्टरमाइंड सुरेश तेली ने बैरक की चादीवारी से ही इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने बताया कि वह पहले भी उच्चाधिकारियों के नाम से ठगी की वारदातें करता रहा है। उसके खिलाफ पहले के भी करीब 50 मामले रिकार्ड पर बताए जा रहे हैं। जेल से हुई इस वारदात में बाड़मेर जेल प्रबंधन की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं।
14 सितंबर को सुबह 10 बजकर 14 मिनट पर खमनोर एसएचओ के नाम से घोड़च उपसरपंच को फोन आया। 4 लाख रुपए तत्काल जरुरत होने की बात कहकर झांसे में लिया। उपसरपंच ने अपने पास रुपए नहीं होने पर दोस्तों को फोन कर दिए गए खाते में दो लाख रुपए डलवा दिए। और दो लाख रुपए के लिए लगातार फोन आने पर उपसरपंच ने थाने में जानकारी की। शंका होने पर उपसरपंच थाने पहुंच गया। एसएचओ द्वारा कोई पैसे नहीं मांगे जाने और ठगी होने की बात सामने आने पर उपसरपंच ने दूसरे दिन राजसमंद एसपी को परिवाद देकर बदमाशों को पकडऩे की मांग की।