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अपराध को अपनाया, परिवार को बिसराया : बिना मेहनत के रातोंरात लखपति बनने के ख्वाब

locationराजसमंदPublished: Nov 09, 2018 01:02:00 pm

Submitted by:

laxman singh

पुलिस के अनुसंधान में हकीकत आई सामने

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अपराध को अपनाया, परिवार को बिसराया : बिना मेहनत के रातोंरात लखपति बनने के ख्वाब

राजसमंद. महंगे शौक और दिखावे की संस्कृति के चलते युवा पीढ़ी ने अब चोरी, चकारी, डकैती व ठगी को ही अपना कॅरियर बना डाला है। दिन दुना, रात चौगुना पैसा पाने के चक्कर में दिन दहाड़े राह चलते लोगों को चकमा देकर ठगी का शिकार बना रहे हैं। ठगी में फेल हो जाए, तो खुलेआम नकली रिवाल्वर तानकर लूट की वारदात को अंजाम देने में भी नहीं हिचकते। चोरी- लूट का पैसा भी मौज मस्ती में ही खर्च कर रहे हैं, जिससे उनके परिवार टूटते- बिखरते जा रहे हैं। इस कारण नन्हे- मुन्ने बच्चों के भविष्य पर संकट खड़ा हो रहा है, मगर न तो युवा सही राह अपना रहे हैं और न ही पुलिस व प्रशासन द्वारा ही कोई ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार राजसमंद पुलिस द्वारा चोरी, ठगी व हत्या सरीखी संगीन वारदातों में वर्षभर में गिरफ्तार किए गए ज्यादातर बदमाशों की उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच ही है। पुलिस की पूछताछ में उन्होंने बेहिचक बताया कि मजदूरी, नौकरी की, मगर उस तनख्वाह से तो खुद का खर्चा भी नहीं निकल पाता और इसी वजह से चोरी का मार्ग अपनाया। इससे आहत परिजनों ने नाता तोड़ते हुए घर से ही निकाल दिया।
महंगे शौक में पत्नी- बच्चों को छोड़ा
केलवा पुलिस द्वारा 12 अगस्त जयपुर के ऑटो मोबाइल व्यवसायी प्रहलादसिंह से 50 हजार व 10 अगस्त को खाघान्न व्यापारी महेन्द्र कर्णावट से कांकरोली में लूट की वारदात के मामले में गिरफ्तार युवा उम्र के बदमाशों के महंगे शौक थे। तितलावडा कला, छोटी सादडी (प्रतापगढ़) निवासी सद्दाम हुसैन (26 ) पुत्र इस्माइल खान व खेरमालिया, बड़ी सादड़ी (चित्तौडग़ढ़) निवासी हुशियार खान (31) पुत्र हाकिम खान के खिलाफ 15 से 20 प्रकरण विचाराधीन है। पुलिस जांच के मुताबिक लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद सारा पैसा मौज मस्ती, घूमने- फिरने में ही लुटा रहे हैं।
सलाखों की चिंता न पुलिस का खौफ
शहर के पंचरत्न कॉम्पलेक्स, हाउसिंग बोर्ड, कालिंदी विहार सरीखी पॉश कॉलोनियों में दिन दहाड़े डाका डालने वाले शातिर कावाखेड़ा (भीलवाड़ा) निवासी सत्यप्रकाश (20) पुत्र देवाराम बैरवा ने कांकरोली पुलिस की पकड़ में आते ही चोरी की सारी वारदातें कबूल ली। उसे पुलिस की गिरफ्तार या सलाखों के पीछे जाने की कोई चिंता नहीं थी। क्योंकि वह दो साल में चार पांच बार जेल जा चुका है और जमानत पर जेल से बाहर निकलते ही फिर चोरी करना उसकी दिनचर्या बन गई।
जान की भी नहीं उन्हें परवाह
मुंह मांगा पैसा कमाने के चक्कर में युवा को पुलिस की पकड़ में आने की तो कोई चिंता है ही नहीं और वे तो खुद की जान तक की परवाह नहीं करते। गत 10 मई को हरियाणा की शराब तस्करी कर जाते कार सवार अदवास, जावर माइंस (उदयपुर) निवासी दौलतसिंह राजपूत व केशरसिंह राजपूत ने राजसमंद में बाइक सवार आमेट निवासी कमलेश वैष्णव (40) को कुचल दिया। फिर भी भाग गया और नाथद्वारा में पुलिस की नाकाबंदी तक तोड़ भागने लगे, मगर घनी आबादी की वजह से आरोपित पुलिस की पकड़ में आ गए।
चकमा देकर लूट मामले में पकड़े युवक महंगे शौक, मौज मस्ती की ऐसी लत है कि उन्होंने पत्नी व बच्चों तक को छोड़ दिया। परिजन उनकी जमानत को भी तैयार नहीं है। चोरी, लूट कर सारा पैसा मौज मस्ती में ही खर्च करना उनकी आदत बन गई है। युवा उम्र में अपराध का रास्ता अपनाने से घर बसने से पहले ही उजड़ रहा है, जो चिंता का विषय है।
दीपक कुमार, थाना प्रभारी केलवा
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