कुछ ऐसे ही हालात कांकरोली थाना परिसर के है, जहां 15 अपे्रल 2016 को पुलिस द्वारा हरियाणा से गुजरात जा रही 33 लाख रुपए की तस्करी की शराब के 1400 कर्टन बरामद किए। जब्ती के बाद शराब को मालखाने में रखवा दिया और जांच के बाद अदालत में चार्जशीट प्रस्तुत कर दी। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, मगर कांकरोली थाने के मालखाने में पड़ी शराब को निस्तारित नहीं हो पाई। जब्त शराब के कुछ नमूने रखकर अन्य शराब का निस्तारण किया जा सकता है, मगर न तो पुलिस द्वारा अदालत में ठोस पैरवी कर अनुमति ली और न ही थाने में स्वच्छता कायम हो पाई।
यह है निस्तारण की प्रक्रिया
तस्करी या अवैध शराब जब्ती के बाद अदालत में चालान पेश होने के बाद संबंधित थाना पुलिस द्वारा उसके निस्तारण के लिए अर्जी लगाई जाती है। अदालत के आदेश के बाद पुलिस द्वारा आबकारी विभाग की मदद से शराब का निस्तारण किया जाता है। कुछ बोतल नमूने के तौर पर रखने होते हैं।
तस्करी या अवैध शराब जब्ती के बाद अदालत में चालान पेश होने के बाद संबंधित थाना पुलिस द्वारा उसके निस्तारण के लिए अर्जी लगाई जाती है। अदालत के आदेश के बाद पुलिस द्वारा आबकारी विभाग की मदद से शराब का निस्तारण किया जाता है। कुछ बोतल नमूने के तौर पर रखने होते हैं।
स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव
फिजिशियन डॉ. अनमोल पगारिया के मुताबिक अगर गंध या दुर्गंध लगातार रहे, तो लोगों के छींक आना, सिर चकराना, जी मचलाने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। दुर्गंध से इंफेक्शन भी हो सकता है। फिर बीमार होने की भी आशंका रहती है।
फिजिशियन डॉ. अनमोल पगारिया के मुताबिक अगर गंध या दुर्गंध लगातार रहे, तो लोगों के छींक आना, सिर चकराना, जी मचलाने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। दुर्गंध से इंफेक्शन भी हो सकता है। फिर बीमार होने की भी आशंका रहती है।
महकमों में नहीं तालमेल
कांकरोली थाने का दावा है कि उनके द्वारा आबकारी महकमे को कई बार पत्र लिखे, मगर कोई जवाब नहीं मिला। दूसरी ओर आबकारी विभाग द्वारा बताया जा रहा है कि कई बार चेताने के बावजूद कांकरोली थाना पुलिस द्वारा शराब निस्तारण के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। इस तरह पुलिस और आबकारी महकमे के बीच आपसी तालमेल की भी पोल खुल गई।
कांकरोली थाने का दावा है कि उनके द्वारा आबकारी महकमे को कई बार पत्र लिखे, मगर कोई जवाब नहीं मिला। दूसरी ओर आबकारी विभाग द्वारा बताया जा रहा है कि कई बार चेताने के बावजूद कांकरोली थाना पुलिस द्वारा शराब निस्तारण के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। इस तरह पुलिस और आबकारी महकमे के बीच आपसी तालमेल की भी पोल खुल गई।
जल्द कराएंगे निस्तारण
मालखाने में जब्त शराब की दुर्गंध से कुछ असुविधा है, मगर न्यायालय के आदेश पर ही निस्तारित कर सकते हैं। इसके लिए आबकारी विभाग को भी लिखा गया है। अब अदालत में अर्जी लगाकर जल्द निस्तारित करने के प्रयास किए जाएंगे।
रविन्द्र चारण, वृत्त निरीक्षक पुलिस थाना कांकरोली
मालखाने में जब्त शराब की दुर्गंध से कुछ असुविधा है, मगर न्यायालय के आदेश पर ही निस्तारित कर सकते हैं। इसके लिए आबकारी विभाग को भी लिखा गया है। अब अदालत में अर्जी लगाकर जल्द निस्तारित करने के प्रयास किए जाएंगे।
रविन्द्र चारण, वृत्त निरीक्षक पुलिस थाना कांकरोली
विभाग तैयार, पुलिस उदासीन
पुलिस द्वारा जब्त शराब के निस्तारण की सामान्य प्रक्रिया है। इसके लिए अदालत में अर्जी लगाकर अनुमति ली जाती है। फिर विभाग द्वारा शराब का निस्तारण किया जाता है। इस संबंध कांकरोली थाने से कोई पत्राचार नहीं हुआ। विभाग हर वक्त तैयार है।
रियाजुद्दीन उस्मानी, जिला आबकारी अधिकारी राजसमंद
पुलिस द्वारा जब्त शराब के निस्तारण की सामान्य प्रक्रिया है। इसके लिए अदालत में अर्जी लगाकर अनुमति ली जाती है। फिर विभाग द्वारा शराब का निस्तारण किया जाता है। इस संबंध कांकरोली थाने से कोई पत्राचार नहीं हुआ। विभाग हर वक्त तैयार है।
रियाजुद्दीन उस्मानी, जिला आबकारी अधिकारी राजसमंद