यहां 1952 में नायब तहसील बनने के बाद किसी भी जनप्रतिनिधि ने ध्यान नहीं दिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि क्षेत्र के ग्रामीणों को यहां तहसील खुलवाने के लिए लम्बा संघर्ष करना पड़ा। लम्बे समय की मांग के बाद आखिर वर्ष 2013 में विधानसभा के चुनाव के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चारभुजा दर्शनार्थ आए थे। तब उन्होंने चारभुजा को तहसील बनाने की घोषणा की, तो लोगों को उम्मीद बंधी कि अब उनकी कुंभलगढ़ तक की दौड़ खत्म हो जाएगी। इसके बाद वर्ष 2014 में चारभुजा नायब तहसील को तहसील का दर्जा तो मिल गया, लेकिन 2 साल तक तहसीलदार का पद रिक्त रहा। इसके बाद पहले तहसीलदार 2017 में कृष्ण गोपाल बने। इसके बाद यहां तहसीलदार के पद पर जो भी आया वह स्थानांतरण कर चलते रहे। वर्ष 2020 में अगस्त माह तक यहां पर्वतसिंह राठौड़ तहसीलदार के रूप में कार्यरत थेे। उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक दल की कार्यवाही के चलते यहां से हटा दिया गया। इसके बाद करीब चार माह से अधिक समय से यह पद रिक्त ही पड़ा है। ऐसे में नायब तहसीलदार के भरोसे तहसील के कामकाज हो रहे हैं। यही नहीं तहसील कार्यालय में कार्मिकों के स्वीकृत 28 पदों में से 18 पद भी रिक्त है, जिससे यहां का काम सिर्फ दस कार्मिक ही संभाल रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र के लोगों को यहां तहसील खुलने का वास्तविक फायदा करीब सात साल बाद भी नहीं मिल पा रहा है।
इस स्थिति के चलते कस्बे के साथ ही पूरे तहसील क्षेत्र के ग्रामीणों को यहां आने के बाद अपने कामकाज के लिए अब भी पूर्व की तरह केलवाड़ा तहसील के ही चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों को यहां तहसीलदार सहित अन्य पदों के रिक्त होने की जानकारी नहीं होने से वे पहले यहां आते हैं और फिर केलवाड़ा जाते हैं। इसमें उनके समय के साथ ही धन का भी नुकसान हो रहा है।
एक पटवारी के पास 4-4 पंचायतें
तहसील में पटवारी के 15 पद स्वीकृत हैं, लेकिन कार्यरत सिर्फ 5 ही होने से 10 पद रिक्त हैं। इनमें से भी 2 पटवारियों का स्थानांतरण हो गया है। ऐसे में एक-एक पटवारी के पास चार-चार पंचायतें होने से पटवारियों का पंचायत में मिलना भी मुश्किल हो गेया है।
तहसील में पटवारी के 15 पद स्वीकृत हैं, लेकिन कार्यरत सिर्फ 5 ही होने से 10 पद रिक्त हैं। इनमें से भी 2 पटवारियों का स्थानांतरण हो गया है। ऐसे में एक-एक पटवारी के पास चार-चार पंचायतें होने से पटवारियों का पंचायत में मिलना भी मुश्किल हो गेया है।
2014 में गढ़बोर बनी थी तहसील
28 पद हुए थे स्वीकृत
10 कर्मचारी ही हैं कार्यरत
18 पद पड़े हैं खाली ये पद हैं स्वीकृत
तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कार्यालय सहायक 1, वरिष्ठ लिपिक 2, कनिष्ठ लिपिक4, पटवारी 15, टीआरए 1 व 3 अन्य काॢमक। इन पदों पर कार्यरत हैं कार्मिक नायब तहसीलदार, वरिष्ठ लिपिक दो, कनिष्ठ लिपिक1, पटवारी 5 व एक अन्य कार्मिक।
28 पद हुए थे स्वीकृत
10 कर्मचारी ही हैं कार्यरत
18 पद पड़े हैं खाली ये पद हैं स्वीकृत
तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कार्यालय सहायक 1, वरिष्ठ लिपिक 2, कनिष्ठ लिपिक4, पटवारी 15, टीआरए 1 व 3 अन्य काॢमक। इन पदों पर कार्यरत हैं कार्मिक नायब तहसीलदार, वरिष्ठ लिपिक दो, कनिष्ठ लिपिक1, पटवारी 5 व एक अन्य कार्मिक।
ये पद हैं रिक्त
तहसीलदार, कार्यालय, कनिष्ठ लिपिक 3, टीआरए, पटवारी 10 रिक्त। करीब 4 करोड़ में बन रहा नया भवन
तहसील कार्यालय के नए भवन के लिए 4 करोड़ 18 लाख 8 हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके तहत भवन निर्माण कार्य गत 15 अगस्त 2020 को शुरू किया गया, जो 14 अगस्त 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
तहसीलदार, कार्यालय, कनिष्ठ लिपिक 3, टीआरए, पटवारी 10 रिक्त। करीब 4 करोड़ में बन रहा नया भवन
तहसील कार्यालय के नए भवन के लिए 4 करोड़ 18 लाख 8 हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके तहत भवन निर्माण कार्य गत 15 अगस्त 2020 को शुरू किया गया, जो 14 अगस्त 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।