जिला कांगे्रस कमेटी की बैठक शुरू होने के साथ ही कार्यकर्ताओं ने एक के बाद एक समस्या व शिकायतों की झड़ी लगा दी। पीसीसी सदस्य हरिसिंह राठौड़ ने कहा कि आप पहले कार्यकर्ता से मिलने के बाद प्रशासन की समीक्षा बैठक लेंगे, तो त्वरित समाधान होगा। इस पर मंत्री बोले- भविष्य में पहले आपसे मिलने के बाद बैठक लूंगा। उन्होंने कहा कि गांवों में फसलों का काफी खराबा हुआ है, जिसका सही आंकलन होना चाहिए, ताकि किसानों को उचित मुआवजा व बीमा क्लेम मिल सके। तभी अन्य कार्यकर्ता बोले- कि किसानों को क्लेम सिर्फ 100- 150 रुपए मिलता है, जिससे पार्टी की फजीहत होगी। गांवों में फसलों का काफी नुकसान हुआ है। खाद-बीज का स्टॉक पहले से समितियों में करने की मांग की गई। इसलिए किसानों व शहरी क्षेत्र में सभी पार्षदों को भी सुनना होगा। वरना पार्टी को नुकसान हो सकता है। गणेश लाम्बोड़ी बोले- कार्यकर्ता का काम होगा, तभी अन्य लोग भी पार्टी से जुड़ेंगे। मर्यादा के कारण कार्यकर्ता बोलता नहीं है, मगर वास्तविकता यह है कि सभी पदाधिकारी अंदर ही अंदर घुटन महसूस कर रहे हैं। नगरीय निकाय का पेराफेरी को ग्राम पंचायतों तक बढ़ाने पर वापस घटाने के लिए मंत्री के समक्ष समस्या रखी। साथ ही गैर काबिल कास्त को खातेदारी में स्वत: बदलने का नियम लागू करवाने की भी मांग की गई।
बैठक में नाराज युवा कार्यकर्ता रो पड़ा
दिलीप जोशी ने कहा- आने वाले समय में पार्टी से युवा टूट जाएगा। क्योंकि युवा कार्यकर्ता के साथ कुठाराघात हो रहा है। पार्टी के लिए कार्यकर्ता जेल जाकर वापस आ रहे हैं, मगर कार्यकर्ता जिसके लिए कहता है, उसका कहीं तबादला नहीं होता अथवा होता भी है तो वापस आ जाते हैं। तभी दूसरे गुट के कार्यकर्ता विरोध में आ गए और एक दूजे में तूं तूं मैं- मैं हो गई। धक्कामुक्की, छीना झपटी के साथ गाली गलोच और हंगामा हो गया। तब नगरपरिषद प्रतिपक्ष नेता अशोक टांक ने समझाइश कर कार्यकर्ता को बिठाया। जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर ने कहा- हर कार्यकर्ता को बोलने का अधिकार है, उसे रोकना गलत है। तब दिलीप जोशी ने तबादले की बात कार्यकर्ता की सुनवाई नहीं होने की बात कहते हुए भावुक होकर फफक पड़ा। मंत्री ने कतिपय प्रोफेसर का नाम मांगा और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।