राजनगर थाने के उप निरीक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा के तहत महाविद्यालय में सांगड़वा, चितलवाना (जालौर) निवासी रमेश पुत्र बाबूलाल विश्नोई की जगह हिंडवाना, चितलवाना (जालौर) निवासी श्रवण कुमार पुत्र भागीरथ विश्नोई परीक्षा दे रहा था। इसके लिए श्रवण कुमार ने फर्जी आधार कार्ड बनाया, जिसे जरिये महाविद्यालय में परीक्षा देने के लिए प्रवेश मिल गया। करीब डेढ़ घंटे तक कई प्रश्न हल भी कर दिए, तभी केन्द्राधीक्षक द्वारा सभी अभ्यर्थियों से हस्ताक्षर करवाते हुए उनकी पहचान की। विरोधाभासी स्थिति केन्द्राधीक्षक द्वारा पुलिस को सूचना दी गई। इस पर पुलिस ने परीक्षा दे रहे श्रवण को केन्द्र से बाहर लाकर सख्ती से पूछताछ की, तो फर्जी अभ्यर्थी की बात कबूल कर ली और मुख्य अभ्यर्थी रमेश विश्नोई केन्द्र के बाहर कार में बैठे होने की जानकारी दी। इस पर पुलिस उसे पकड़ केन्द्र के बाहर लाई, जहां कार में बैठे रमेश को पकड़ लिया। पुलिस ने रमेश विश्नोई व श्रवण कुमार को गिरफ्तार कर लिया, जिनके कब्जे से दस्तावेज, प्रश्न पत्र के साथ कार को भी जब्त कर लिया। बताया कि रमेश और श्रवण के बीच परीक्षा उत्तीर्ण होने पर 4 लाख रुपए देने का सौदा तय हुआ।
दोनों कर रहे परीक्षा की तैयारी
रमेश व श्रवण दोनों ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले खुद ने ही कई परीक्षाएं दी, मगर उत्तीर्ण नहीं हुआ। इस बार श्रवण ने उसे लिपिक परीक्षा में उत्तीर्ण करने का ठेका लिया। अब पुलिस द्वारा फर्जी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा देने में किसी अन्य आरोपित के शामिल होने की आशंका पर गहन पूछताछ की गई, मगर अभी तक ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई।
रमेश व श्रवण दोनों ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले खुद ने ही कई परीक्षाएं दी, मगर उत्तीर्ण नहीं हुआ। इस बार श्रवण ने उसे लिपिक परीक्षा में उत्तीर्ण करने का ठेका लिया। अब पुलिस द्वारा फर्जी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा देने में किसी अन्य आरोपित के शामिल होने की आशंका पर गहन पूछताछ की गई, मगर अभी तक ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई।