बजरी माफिया ने अवैध दोहन करते हुए नदी से होकर श्मशान की ओर जाने वाले रास्ते को भी नहीं छोड़ा। इसको लेकर ग्रामीणों के द्वारा विरोध किए जाने पर वे दुव्र्यवहार से लेकर मारपीट तक उतर आते हैं।
ग्रामीणों ने कई बार लिखित में रात्रि चौपाल के दौरान उपखण्ड स्तर और कलक्टर तक को शिकायत की, लेकिन उसके बाद भी प्रशासन इसके प्रति उदासीन ही बना हुआ है। इसको लेकर ग्रामीणों द्वारा जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका भी व्यक्त की गई है।