पत्रिका टीम ने गुरुवार दोपहर 12.40 बजे राजसमंद शहर के चौपाटी, मुखर्जी चौराहा, जलचक्की, बजरंग चौराहा, टीवीएस चौराहे के पास स्थिति दुकानों का निरीक्षण किया तो वहां दुकानों में तम्बाकू उत्पाद नहीं दिखे। लेकिन यहां गुपचुप तरीके से गुटखा आदि बिकता दिखा। हालांकि इसमें भी दुकानदार ग्राहक की पहचान कर ही तम्बाकू उत्पाद देते नजर आए। इसीतरह देवगढ़ में नशे की लत के शिकार लोगों में अफरा-तफरी रही। यहां नगर में करीब 40 से 50 छोटी-बड़ी दुकानों पर तंबाकू, गुटके औैर बीड़ी-सिगरेट की बिक्री होती है। करीब 7 लाख रुपए तक रोजाना इसकी सेल होती है। जैसे ही प्रतिबंधित किए जाने का आदेश आया, पान की दुकानों से गुटखे व तंबाकू की लडियां गायब हो गईं। वहीं इसकी लत के शिकार लोग आने वाले दिनों के लिए स्टॉक जुटाते नजर आए। शहर में होलसेल व्यापारियों के यहां लाखों का स्टॉक जमा है, जिसे उन्होने अंडरग्राउंड कर दिया गया है।
डिब्बे में डाले गुटखे के पाउच
तंबाकू उत्पाद पर बैन का आदेश आने के बाद शहर में पान की दुकानों सहित अन्य ऐसी दुकानें हैं जहां तंबाकू, बीड़ी-सिगरेट बिकती है, वहां दुकानदार गुटके के पाउच को खोलकर डिब्बे में भरते नजर आए। कागज की पुडय़िां में इसे पैक करके बेचा जा रहा है ताकि कोई आसानी से देखकर यह नहीं पहचान सके कि तंबाकू उत्पाद बेचा गया है। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती का अवकाश खत्म होने के बाद भी फिलहाल संबंधित विभागों ने किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की है।
कार्रवाई करेंगे…
कई तरह के उत्पाद प्रतिबंधित हुए हैं, इसलिए इसकी कार्रवाई में अन्य विभागों का सहयोग भी लेना पड़ेगा। गुरुवार को तो कोई कार्रवाई नहीं हुई है लेकिन शीघ्र ही इसपर कार्रवाई की जाएंगी।
-डॉ. जेपी बुनकर, सीएमएचओ, राजसमंद