जानकारी के अनुसार राजसमंद डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) से करीब 50.47 करोड़ रुपए का बजट जारी किया, जिस पर 1 अक्टूबर 2018 को राज्य सरकार द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी। साथ ही राज्य स्तरीय एम्पावर्ड कमेटी जयपुर द्वारा 12 सितंबर 18 को 24.29 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग द्वारा 9 जनवरी 19 को खान एवं भू विज्ञान विभाग को पत्र भेजकर वित्तीय स्वीकृति के साथ बजट आवंटित करने की मांग रखी गई। उसके बाद जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग के उच्चाधिकारियों ने डेम बनने के बाद ही पेयजल परियोजना के प्रोजेक्ट को मंजूरी देने की बात कहते हुए प्रोजेक्ट की अग्रिम कार्रवाई रोक दी गई। दूसरी तरफ डेम बनाने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा करीब 17 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार करते हुए प्रस्ताव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग व प्रशासन को भेज दिया। उसके बाद न तो प्रशासन द्वारा 17 करोड़ का बजट दिया और न ही जल संसाधन विभाग द्वारा डेम निर्माण का कार्य शुरू किया। इसके चलते बेड़च का नाका (पेयजल) योजना फिर कागजों में दबकर रह गई है।
डीएमएफटी में पर्याप्त बजट, कार्रवाई नहीं
राजसमंद डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट में अभी 528.72 करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध है। दूसरी तरफ इस पेयजल प्रोजेक्ट के लिए सिर्फ 50.47 करोड़ व डेम प्रोजेक्ट के लिए 17 करोड़ की ही जरूरत है। फिर भी ट्रस्ट द्वारा बजट जारी करने में टालमटोल की प्रवृत्ति अपनाई जार ही है।
राजसमंद डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट में अभी 528.72 करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध है। दूसरी तरफ इस पेयजल प्रोजेक्ट के लिए सिर्फ 50.47 करोड़ व डेम प्रोजेक्ट के लिए 17 करोड़ की ही जरूरत है। फिर भी ट्रस्ट द्वारा बजट जारी करने में टालमटोल की प्रवृत्ति अपनाई जार ही है।
अभी ये पंचायतें है शामिल
पेयजल परियोजना में रिछेड़, थुरावड़, मानावतों का गुड़ा, चारभुजा, झीलवाड़ा व सैवंत्री पंचायत के दो दर्जन से ज्यादा गांव शामिल है। और गांव जोडऩे की चर्चा
कथित तौर पर पांच पंचायतों की जितनी आबादी है, उसके आधार पर प्रोजेक्ट का बजट बहुत ज्यादा बताया जा रहा है। इसके लिए बेड़च नाका पेयजल परियोजना में अन्य ग्राम पंचायतों को भी शामिल करके नया प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा, ताकि इसकी सार्थकता सिद्ध हो सकें। हालांकि इस पर प्रत्यक्ष तौर पर किसी भी विभाग द्वारा कोई पत्र नहीं दिया गया है।
पेयजल परियोजना में रिछेड़, थुरावड़, मानावतों का गुड़ा, चारभुजा, झीलवाड़ा व सैवंत्री पंचायत के दो दर्जन से ज्यादा गांव शामिल है। और गांव जोडऩे की चर्चा
कथित तौर पर पांच पंचायतों की जितनी आबादी है, उसके आधार पर प्रोजेक्ट का बजट बहुत ज्यादा बताया जा रहा है। इसके लिए बेड़च नाका पेयजल परियोजना में अन्य ग्राम पंचायतों को भी शामिल करके नया प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा, ताकि इसकी सार्थकता सिद्ध हो सकें। हालांकि इस पर प्रत्यक्ष तौर पर किसी भी विभाग द्वारा कोई पत्र नहीं दिया गया है।
संघर्ष समिति ने दी आंदोलन की चेतावनी
बेड़च का नाका पेयजल परियोजना पर अग्रिम कार्रवाई नहीं होने पर बेड़च का नाका संघर्ष समिति, लोक अधिकार मंच व पांचों पंचायतों के सरपंचों ने शुक्रवार को जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल को ज्ञापन देकर अग्रिम कार्रवाई करने की मांग की गई। ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी। फिर भी इस प्रोजेक्ट की अग्रिम कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। इस पर कलक्टर बोले- कि साढ़े 50 करोड़ का बजट है, मगर लाभान्वित आबादी की संख्या काफी कम है। इस पर लोग बोले कि अन्य पंचायतों को भी जोड़ दिया जाए। इस पर कलक्टर ने प्रोजेक्ट पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। इस पर लोगों ने चेतावनी दी कि 8 अक्टूबर 19 तक प्रोजेक्ट पर वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं होगी, तो क्षेत्रवासी उग्र आंदोलन करेंगे। इस दौरान बेड़च नाका संघर्ष समिति संयोजक मदनलाल गुर्जर, सह संयोजक हीरालाल गुर्जर, लोक अधिकार मंच जिलाध्यक्ष सम्पत लड्ढा, मंच चारभुजा अध्यक्ष पृथ्वीसिंह सोलंकी, जिला परिषद सदस्य शांता कुमारी, छोगालाल मेवाड़ा, पारसमल सिंघवी, प्रभु गुर्जर, भूरसिंह, मदनलाल सोनी, गोवर्धनलाल दर्जी, कालूराम गुर्जर, गोविंदसिंह सोलंकी आदि थे।
बेड़च का नाका पेयजल परियोजना पर अग्रिम कार्रवाई नहीं होने पर बेड़च का नाका संघर्ष समिति, लोक अधिकार मंच व पांचों पंचायतों के सरपंचों ने शुक्रवार को जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल को ज्ञापन देकर अग्रिम कार्रवाई करने की मांग की गई। ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी। फिर भी इस प्रोजेक्ट की अग्रिम कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। इस पर कलक्टर बोले- कि साढ़े 50 करोड़ का बजट है, मगर लाभान्वित आबादी की संख्या काफी कम है। इस पर लोग बोले कि अन्य पंचायतों को भी जोड़ दिया जाए। इस पर कलक्टर ने प्रोजेक्ट पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। इस पर लोगों ने चेतावनी दी कि 8 अक्टूबर 19 तक प्रोजेक्ट पर वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं होगी, तो क्षेत्रवासी उग्र आंदोलन करेंगे। इस दौरान बेड़च नाका संघर्ष समिति संयोजक मदनलाल गुर्जर, सह संयोजक हीरालाल गुर्जर, लोक अधिकार मंच जिलाध्यक्ष सम्पत लड्ढा, मंच चारभुजा अध्यक्ष पृथ्वीसिंह सोलंकी, जिला परिषद सदस्य शांता कुमारी, छोगालाल मेवाड़ा, पारसमल सिंघवी, प्रभु गुर्जर, भूरसिंह, मदनलाल सोनी, गोवर्धनलाल दर्जी, कालूराम गुर्जर, गोविंदसिंह सोलंकी आदि थे।
डेम बनने के बाद पेयजल प्रोजेक्ट का कार्य
बेड़च नाका परियोजना का पेयजल प्रोजेक्ट बन गया, मगर पहले डेम का निर्माण होगा। यह कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा कराया जाना है। इसलिए उच्चाधिकारियों के निर्देश है कि जब तक डेम नहीं बन जाए, तब तक पेयजल प्रोजेक्ट पर कार्रवाई नहीं होगी।
निर्मल चित्तौड़ा, अधीक्षण अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग राजसमंद
बेड़च नाका परियोजना का पेयजल प्रोजेक्ट बन गया, मगर पहले डेम का निर्माण होगा। यह कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा कराया जाना है। इसलिए उच्चाधिकारियों के निर्देश है कि जब तक डेम नहीं बन जाए, तब तक पेयजल प्रोजेक्ट पर कार्रवाई नहीं होगी।
निर्मल चित्तौड़ा, अधीक्षण अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग राजसमंद
बजट मिलेगा तो कार्य शुरू करें
बेड़च नाका प्रोजेक्ट पेयजल का है। इसके लिए डेम निर्माण का प्रोजेक्ट बनाकर 17 का प्रस्ताव भेज दिया। अब बजट विभाग को हस्तान्तरित करेंगे, तो हमारे द्वारा डेम का निर्माण कर दिया जाएगा।
ओंकार बेरवाल, अधिशासी अभियंता जल संसाधन विभाग राजसमंद
बेड़च नाका प्रोजेक्ट पेयजल का है। इसके लिए डेम निर्माण का प्रोजेक्ट बनाकर 17 का प्रस्ताव भेज दिया। अब बजट विभाग को हस्तान्तरित करेंगे, तो हमारे द्वारा डेम का निर्माण कर दिया जाएगा।
ओंकार बेरवाल, अधिशासी अभियंता जल संसाधन विभाग राजसमंद
कार्रवाई नहीं तो उग्र आंदोलन
बीस वर्ष से यह परियोजना अटकी पड़ी है। अब बजट स्वीकृत हो गया। फिर भी टालमटोल की प्रवृत्ति अपनाई जा रही है। 8 अक्टूबर तक अग्रिम कार्रवाई नहीं हुई, तो धरना देकर उग्र आंदोलन करेंगे और अनशन पर बैठेंगे।
पृथ्वीसिंह सोलंकी, अध्यक्ष लोक अधिकार मंच चारभुजा
बीस वर्ष से यह परियोजना अटकी पड़ी है। अब बजट स्वीकृत हो गया। फिर भी टालमटोल की प्रवृत्ति अपनाई जा रही है। 8 अक्टूबर तक अग्रिम कार्रवाई नहीं हुई, तो धरना देकर उग्र आंदोलन करेंगे और अनशन पर बैठेंगे।
पृथ्वीसिंह सोलंकी, अध्यक्ष लोक अधिकार मंच चारभुजा