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ऐतिहासिक धरोहर पर नजरें इनायत हो तो Rajsamand में Irrigation Garden का बढ़े सौन्दर्य

locationराजसमंदPublished: Nov 28, 2019 10:19:55 am

Submitted by:

laxman singh

झील किनारे अप्रतिम प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच स्वस्थ तन-मन के लिए बढ़े मॉर्निंग वॉकर
Best development in Rajsamand lake irrigation garden at kankroli

Best development in Rajsamand lake irrigation garden at kankroli

ऐतिहासिक धरोहर पर नजरें इनायत हो तो एरिगेशन उद्यान को बढ़े सौन्दर्य

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

हवा के साथ हल्के हिलोरे लेती झील और वहां शीतल हवा के मंद-मंद झोंकों के बीच मॉर्निंग वॉक करने वालों की चहल-कदमी, दौड़, उछल-कूद, एकजुट करतल ध्वनि, योगाभ्यास व हंसी-ठहाकों की गूंज से राजसमंद झील की पाल व वहां बने इरिगेशन पार्क का नजारा कुछ अलग ही अहसास कराता है। यहां आकर कोई बीमार आदमी भी स्वस्थ महसूस करता है। (Rajsamand lake, irrigation garden at kankroli)
इरिगेशन पार्क में घूमने आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एकांत व शांत होने से भी हर प्रकृति प्रेमी यहां आना चाहता है। मॉर्निंग वॉकर आम नागरिक, कारोबारी व शहर के प्रबुद्धजनों ने नगरपरिषद के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस पार्क के विकास में भी खूब हाथ बंटाया। करीब तीन किलोमीटर का पथ लोगों को आकर्षित करता है। हालांकि दूसरी तरफ इसका उपेक्षित पक्ष भी उभर कर सामने आता है। सीढिय़ों पर उगे पेड़- पौधे, कचरा व पाल के अंतिम छोर तक की सभी छतरियों के रखरखाव की भी बहुत जरूरत महसूस होती है। राजा-महाराजा के कराए कार्य इतने कमजोर भी नहीं होते थे, कि मात्र दरार आने से टूटकर बिखर जाए, पर इनकी मरम्मत की दरकार जरूर महसूस होती है। ( Rajsamand d lake water in irrigation)
महाराणा राजसिंह द्वारा सन् 16 6 9 से 16 76 तक निर्मित झील, इरिगेशन उद्यान किनारे की पाल, उस पर बनी छतरियां, गुंबद, नक्शागृह का सौन्दर्य देखते ही बनता है। संगमरमर के पत्थरों से निर्मित सीढिय़ों, छतरियों में नक्काशी व मूर्तिकला भी लाजवाब है, लेकिन साफ सफाई के अभाव में वहां जाले जम गए हैं। उद्यान में बच्चों के लिएविविध झूले हैं, तो प्रबुद्धजनों की सेहत का ख्याल रखते हुए नगरपरिषद ने ओपन जिम भी है।
पाल का सौन्दर्यीकरण प्रगति पर
झील की पाल का सौन्दर्यीकरण करते हुए उद्यान का विकास भी प्रगति पर है। उद्यान में आने वाले लोगों के बैठने के लिए पचास से ज्यादा कुर्सियां जनसहयोग से कारोबारियों द्वारा लगाई गई है। जन सुरक्षा के लिहाज से पहले ही पाल का निर्माण बेहद सुविधाजनक है, लेकिन अब उसके रखरखाव की खास जरूरत है। छतरियों व सीढिय़ों पर उगते पेड़- पौधे पाल के निर्माण को कमजोर कर रहे हैं। रखरखाव समय पर हो तो ऐतिहासिक धरोहर की छतरयिां का सौंदर्य भी फिर से निखर सकता है। इससे झील की आभा और बढ़ेगी।
नक्शाघर भी रोचक, सहेजने की जरूरत
इरिगेशन पार्क में बना नक्शाघर भी ऐतिहासिक है। इस नक्शे में अरावली पर्वत शृंखलाओं को दर्शाते हुए झील भरने वाली नदियों-नहरों, नालों को उकेरा गया। हाइवे आठ, रेलवे लाइन के साथ झील से सिंचाई के लिए जाने वाले नहरों को भी अंकित किया गया है। इस तरह झील से सिंचाई के लिए छोड़े जाने वाले पानी की मॉनिटरिंग के लिए भी यह नक्शाघर कई मायने में कारगर सिद्ध हो रहा है। साथ ही भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों को भी जिले के भौगोलिक परिदृश्य को बता रहा है।
वातानुकूलित सुलभ शौचालय भी तैयार
सिंचाई उद्यान में भ्रमण के लिए आने वाले लोगों की सुविधा को देखते हुए नगरपरिषद द्वारा वातानुकूलित सुलभ शौचालय भी बनकर तैयार हो गया है, जिसे भी जल्द आमजन के लिए खोल दिया जाएगा। उद्यान में बच्चों के लिए भी कुछ नए झूले भी लगवाए गए हैं, जिससे लोगों का आकर्षण निरंतर बढ़ता जा रहा है।
छतरियों में दरारें, नक्काशी पर धूल
पाल पर बनी ऐतिहासिक महत्व की सीढिय़ों, छतरियों व उनके फर्श पर खास ध्यान देने की जरूरत है। इन छतरियों के अंदर-बाहर इतनी गर्द जमा हो चुकी है कि बड़े-बड़े जाले पड़ चुके हैं। इससे अंदर-बाहर आने-जाने में भी ध्यान रखना पड़ता है। छतरियों व फर्श पर दरारें साफ देखी जा सकती है। यदि तत्काल मरम्मत नहीं करवाई गई तो निकट भविष्य में इन ऐतिहासिक धरोहरों को क्षति पहुंच सकती है।
गायों से नहीं मिल रही राहत
पार्क के विकास में नगरपरिषद के साथ आमजन ने साझा प्रयास किया, लेकिन गायें पार्क के सौन्दर्य को बिगाड़ रही है। उद्यान की सुरक्षा व रखरखाव का जिम्मा संभालने वाले जेके टायर इंडस्ट्रीज को उनके अधीन कार्यरत चौकीदारों की मॉनिटरिंग की जरूरत है। सुबह से शाम तक उद्यान में कोई रखवाला नहीं दिखता, जिससे हर कहीं से गायें पार्क में घुस रही है।
बंद पड़े हैं सीसीटीवी कैमरे
पार्क के पार्किंग क्षेत्र व राड़ा जी की छतरी के पास लगे सीसीटीवी कैमरे भी काफी समय से बंद पड़े हैं। ऐसे में असामाजिक तत्वों पर निगरानी व उनकी पहचान में भी कई बार दिक्कत हो जाती है।

समग्र विकास ही ध्येय
सिंचाई उद्यान व पाल का समग्र विकास ही हमरा मुख्य ध्येय है। पाल व सीढिय़ों के साथ छतरियों से झाड़, जंखाड़ कटवाने के साथ व्यवस्थित साफ सफाई भी कर दी जाएगी।
जनार्दन शर्मा, आयुक्त, नगरपरिषद, राजसमंद
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