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अब तक जिन्होंने बना रखी थी BJP से दूरियां, अब उन्हें ही मिली जिम्मेदारी

locationराजसमंदPublished: Jul 22, 2019 12:21:30 pm

Submitted by:

laxman singh

विरोधी गुट के हाथ में आई BJP Rajsamand की कमान, सदस्यता अभियान में KIran maheswari गुट दरकिनार

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अब तक जिन्होंने बना रखी थी BJP से दूरियां, अब उन्हें ही मिली जिम्मेदारी

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

जिले में दो धड़ों में बंटी BJP के सदस्यता अभियान की कमान अब विरोधी गुट के हाथ आने के बाद अन्तर्कलह के हालात उत्पन्न हो गए हैं। अब तक जिन्होंने पार्टी से दूरियां बना रखी थी अथवा कतिपय पार्टी नेता के विरुद्ध बोलने वाले को ही जिम्मेदारी मिल गई। सदस्यता अभियान में किरण गुट पूर्णतया दरकिनार ही रहा।
विधानसभा चुनाव के बाद BJP द्वारा Nathdwara के Virendra Purohit को जिलाध्यक्ष बनाया गया। उसके बाद लोकसभा चुनाव में राजसमंद सीट पर पार्टी को जीत मिलने के बाद भी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनमुटाव दूर नहीं हो सका। कथित तौर पर Gulab chand Katariya – kiran maheswari गुट में बंटी BJP के जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में भी संघ चली, जो कटारिया गुट के माने जाते हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष भंवरलाल शर्मा को किरण का करीबी माने जाते रहे। अब भाजपा सदस्यता अभियान जिला संयोजक हरिसिंह राव को बनाया गया, जो कथित तौर पर कुंभलगढ़ विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ के करीबी माने जाते हैं। राठौड़ पहले से ही कटारिया गुट से जुड़े हैं। इसी तरह राजसमंद पूर्व उप प्रधान सुरेश जोशी को सह जिला संयोजक बनाया, जो भी किरण के विरोधी गुट से ही है। यही नहीं, राजसमंद विधानसभा में भी विधायक किरण माहेश्वरी के विरोधी गुट के लोगों को ही मंडल में सदस्यता अभियान संयोजक बनाया, जबकि सभी सह संयोजक किरण गुट के बनाए है, जिनका प्रत्यक्ष तौर पर सदस्यता अभियान में कोई कार्य ही नहीं है। इसका राजसमंद विधानसभा क्षेत्र के पांचों मंडलों की संयुक्त बैठक में भी खुलकर विरोध हुआ और सवाल उठे कि जिन लोगों ने पार्टी के विरुद्ध कार्य किया, उन्हें सदस्यता अभियान की कमान कैसे दे दी गई।
दीया- किरण में भी दिखी दूरियां
नवनिर्वाचित सांसद दीया कुमारी और राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी के बीच भी दूरियां देखने को मिली। सांसद के राजसमंद दौरे पर अक्सर कुंभलगढ़ विधायक साथ रहते हैं, जबकि राजसमंद विधानसभा क्षेत्र के कई कार्यक्रमों में विधायक किरण माहेश्वरी साथ नहीं दिखी। इसके अलावा राजसमंद में ब्रॉडगेज लाइन, पर्यटन के साथ विभिन्न कार्यों के लिए सांसद दीया कुमारी ने केन्द्रीय मंत्रियों से अलग मुलाकात की और विधायक किरण ने अलग से ज्ञापन दिए। पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ आमजन में भी चर्चा रही कि अगर दीया- किरण के बीच भी गुटबाजी है, तभी वे एक साथ केन्द्रीय मंत्रियों से नहीं मिले और दोनों ने अलग अलग मिलकर राजसमंद के विकास की एक ही तरह की मांगे रखी।
जिलाध्यक्ष का भी किनारा
राजसमंद शहर व ग्रामीण क्षेत्र में पार्टी गतिविधियों को लेकर जिलाध्यक्ष की भी अप्रत्यक्ष तौर पर दूरियां रही। राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में शीर्ष नेताओं की गुटबाजी के चलते चल रहे सदस्यता अभियान को लेकर अन्तर्कलह की स्थिति बनी हुई है। गुटबाजी के चलते सदस्यता अभियान की सार्थकता पर ही सवाल उठ रहे कि क्या नए सदस्यों की सूची राज्य स्तर पर पहुंचेगी भी या नहीं?
गुटबाजी नहीं, निजी मनभेद संभव
भाजपा में गुटबाजी कहीं भी नहीं। परिवार में भाईयों की तरह कुछ सदस्यों में मनभेद हो सकता है। संगठन में उन्हीं को सदस्यता अभियान का जिम्मा दिया है, जो योग्यता रखता है। कोई भी विरोध के स्वर सामने आए हैं, वे निजी द्वेषता के है। राजसमंद विधानसभा में कोई भी पार्टी विरोधी गतिविधियां नहीं चल रही। विधायक किरण जी का कार्य सर्वोत्तम है और मैं दावा करता हूं कि प्रदेश में सर्वाधिक सदस्य राजसमंद जिले में ही बनेंगे।
वीरेन्द्र पुरोहित, जिलाध्यक्ष BJP Rajsamand
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