पुलिस कराई घटना स्थल की तस्दीक
प्रकरण में पुलिस ने सोमवार को आरोपियों को मेला परिसर के सामने खेमाखेड़ा रोड के निकट सुनसान क्षेत्र में लेकर घटनास्थल की पहचान कराई। आरोपियों ने घटनास्थल का पूरा रूट बताया। दिल दहला देने वाले हत्याकाण्ड की पूरी कहानी बताई।
इतना मारा कि पांव की हड्डियां टूट कर बाहर निकल गईं
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि सुनसान क्षेत्र में पहले शराब पी। फिर किशनलाल को लकडिय़ों, हॉकी स्टिक व सरियों से पीटते रहे, जब तक कि वे थक नहीं गए। मारपीट में आरोपियों ने मृतक को इतना अधिक बेरहमी से मारा कि उसके पांव की हड्डियां टूट कर बाहर निकल गई। मृतक के शरीर पर एक दर्जन से अधिक स्थानों पर चोटें थी। अतिसंवेदनशील अंगों पर भी चोटें पहुंचाई।
कार के नम्बर हटाए
आरोपियों ने बोलेरो गाड़ी की नम्बर प्लेट को पहले हटा दिया, ताकि कहीं पर भी गाड़ी की पहचान नहीं हो सके। घटना को अजांम देने के बाद दुबारा बोलेरो गाड़ी की नम्बर प्लेट लगा दी।
डेढ़ सौ किलोमीटर तक पुलिस को दौड़ाते रहे
दो आरोपियों ने पुलिस को गच्चा देने के लिए बार-बार अपनी लोकेशन व रास्ता बदला। पुलिस लगातार उनका पीछा करती रही। हत्याकाण्ड में रविवार की देर रात गिरफ्तार दोनों आरोपियों का खमनोर थाना प्रभारी महेश मीणा व उनकी टीम ने लगातार डेढ़ सौ किलोमीटर तक पीछा किया, तब जाकर आरोपी पुलिस की पकड़ में आ सके। दोनों आरोपी उदयपुर ग्रामीण क्षेत्र के कच्चे व पक्के मार्गों के जानकार होने से पुलिस को दोनों को पकडऩे में मशक्कत करनी पड़ी।
कार से खून के मिले साक्ष्य
हत्याकाण्ड के आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने बरामद बोलेरो कार से मृतक के खून के निशान व अन्य साक्ष्य जुटाए। विधि-विज्ञान प्रयोगशाला, उदयपुर के विशेषज्ञ अभय प्रताप सिंह व सुरेश वैष्णव ने एकत्रित किए। राजसमंद पुलिस की एमओबी टीम प्रभारी सुरेशचन्द्र व फतहलाल ने फुट मोल्ट व गाड़ी के टायरों के निशान सहित अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्यों को घटनास्थल से एकत्रित किया।