नया बाजार में मनीष सतीश पगारिया के जिस निजी बाजार की दुकान में आग लगी, उस बाजार में प्रति दुकान का किराया पांच पांच हजा रुपए लिया जा रहा है। इसके अलावा दूसरी मंजिल पर बने कमरे भी किराए पर दे रखे हैं। इससे हर माह पचास से अस्सी हजार रुपए तक आय हो रही है, मगर सुरक्षा प्रबंध का ख्याल नहीं रखा।
व्यवसायिक बाजार में भूतल पर 10 दुकानें औ ऊपरी मंजिल पर आधा दर्जन से ज्यादा कमरे बने हुए हैं। बाजार में साड़ी, रेडीमेट कपड़े, जूतों व सिलाई आदि की दुकाने हैं, जिससे प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की आवाजाही रहती है। तंग गली में बने इस बाजार में भी चार पांच दुपहिया वाहन ही खड़े रह पाते हैं। व्यवसायिक बाजार के मुताबिक न तो पार्किंग स्थल विकसित किया और न ही पेयजल व सुरक्षा के अन्य प्रबंध है।
दोमंजिला बाजार में दस दुकान व आधा दर्जन से ज्यादा कमरे बने होने के बावजूद भवन में एक भी अग्निशमन संयंत्र नहीं लगाया। नगरपरिषद के भवन निर्माण स्वीकृति की शर्तों की खुलेआम धज्जिया उड़ाई, मगर नगपरिषद के जिम्मेदारों द्वारा की गई मॉनिटरिंग की खानापूर्ति की भी पोलपट्टी सामने आ गई। नियमानुसार अग्निशमन संयंत्र के अलावा 20 हजार लीटर पानी का टैंक होना जरूरी है।
आपात दरवाजा तो खिडक़ी तक नहीं
दोमंजिला बाजार विकसित कर दिया, जहां आपात परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम दो दरवाजे जरूरी है। फिर भी इस भवन के भूतल पर खिडक़ी तक नहीं है। मुख्य दरवाजा बंद रहने की स्थिति में या भगदड़ के हालात में दूसरे रास्ते से आने जाने की कोई सुविधा तक नहीं की गई।
जिस बाजार की दुकान में आग लगी। उस बाजार में आग बुझाने के कोई संयंत्र नहीं थे। दोमंजिले भवन में छत पर बीस हजार लीटर पानी का टैंकर जरूरी है। यह बाजार संचालक की लापवाही है।
अरुण कुमार, सहायक अग्निशमन अधिकारी नगरपरिषद राजसमंद