scriptMAKAR SAKRANTI : मौज-मस्ती में बीता दिन, लौट आया बचपन : परम्परागत खेलों में व्यस्त रहे युवा | Celebration of Makar Sankranti with reverence and tradition | Patrika News

MAKAR SAKRANTI : मौज-मस्ती में बीता दिन, लौट आया बचपन : परम्परागत खेलों में व्यस्त रहे युवा

locationराजसमंदPublished: Jan 15, 2018 02:23:38 pm

Submitted by:

laxman singh

राजसमंद जिले में मकर संक्रान्ति का पर्व श्रद्धा व परंपरा से मना

Rajsamand,Rajsamand news,Rajsamand Hindi news,Rajsamand local news,rajsamand latest news,rajsamand latest hindi news,rajsamand latest news rajsamand,Latest News rajsamand,Latest hindi news rajsamand,
राजसमंद. जिले में मकर संक्रान्ति का पर्व सोमवार को लोगों ने श्रद्धा, परंपरा एवं उल्लास के साथ मनाया। गुड़-तिल्ली के लड्डुओं व खींच का स्वाद जी ललचा गया, तो कहीं सितोलिया, गिल्ली-डंडा, कंचे और मारदड़ी सरीखे पारंपरिक खेलों बड़ों को बचपन की यादें ताजा कर दीं। मंदिरों में विशेष दर्शन, पूजा अनुष्ठान का दौर चलता रहा। इसके साथ ही मांगलिक अनुष्ठान शुरू हो गए। पूजा व दान-पुण्य के लिए विशेष मान्यता के चलते शहर एवं देहात में लोग सुबह जल्दी उठ गए। घर, सरोवर पर स्नान के बाद लोगों ने ठाकुरजी एवं ईष्ट- देवी देवताओं के दर्शन किए। इसके चलते राजसमंद के श्री द्वारकाधीश मंदिर , नाथद्वारा में श्रीनाथजी मंदिर, गढबोर में चारभुजानाथ मंदिर, सैवंत्री में रूपनारायण मंदिर, एकलिंगगढ़ में भगवान एकलिंगनाथ मंदिर में दर्शनों के लिए लोगों की काफी भीड़ रही। उत्सव की खुशी और उत्साह बच्चों और युवाओं में सर्वाधिक रहा। बाल टोलियां सुबह-सुबह ही घर की छतों और गांव की गलियों में निकल पड़ीं। मित्रों के घर गुड़-तिल्ली के लड्डू, तिल-पपड़ी, खीच, खिचड़ी और नाना व्यंजनों का स्वाद लिया और दोस्तों को एकत्र करती हुई टोलियां खेल मैदानों में जा पहुंची। जिधर देखो, ग्रामीण खेलों में दम लगाते ‘खिलाडिय़ों’ से मैदान चहकते नजर आए। इधर, श्रद्धालुओं ने सुबह जलाशयों में पवित्र स्नान कर मंदिरों में दर्शन किए। पूजन-अर्चन के बाद उन्होंने दिनचर्या की शुरुआत की। घरों में महिलाओं ने विविध व्यंजन बनाकर ठाकुरजी को भोग धराए व प्रसाद बांटा।
राघवसागर पर सूर्य उपासना
देवगढ़. नगर के कई श्रद्धालुओं ने राघव सागर तालाब में सूर्योदय से पूर्व ही संक्रांति का स्नान कर सूर्योपासना की। इसके बाद वस्त्र, खाद्य सामग्री के साथ ही अन्य वस्तुओं का दान-पुण्य भी किया। घरों में खीच और तिल के व्यंजन बनाए गए। नगर के सभी चौराहों एवं अन्य स्थानों पर लोगों ने गायों को रिजका खिलाया। वहीं, बच्चों से लेकर युवाओं ने घर की छतों पर साउंड लगाकर पूरे दिन पतंगबाजी का आनन्द लिया।
चारभुजानाथ को सुनाया टीपणा
चारभुजा. मकर संक्रांति पर चारभुजानाथ मंदिर में मंगला आरती के समय बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही। वहीं ठाकुरजी को टीपणा सुनाने की परम्परा का निर्वाह भी किया गया। मंगला आरती के बाद पं. भोलेश्वर पालीवाल ने ठाकुरजी के समक्ष टीपणा सुनाया। पुजारी भंवरलाल व धर्मचन्द वगडवाल ने पंडित को दान दक्षिणा के साथ श्रीफल भेंट किया। इसके बाद नंगार खाने पर पुजारी समाज एकत्रित हुआ, जिनके समक्ष भी पंडित ने टीपणे का वाचन किया। इसमे वर्ष पर्यन्त होने वाले वस्तुओं के भाव के उतार-चढ़ाव व पूरे वर्ष का राशिफल पढक़र सुनाया। वहीं, भगवान को श्रद्धालुओं द्वारा तिल के लड्डू चढ़ाकर खुशहाली की कामना की गई।
श्रीजी को धराई छींट की वस्त्र सेवा
नाथद्वारा. संक्रांति पर प्रभु श्रीनाथजी को रेशमी छींट की वस्त्र सेवा सुशोभित करा विशेष शृंगार धराया गया। इसमें श्रीमस्तक पर मोरपंख चंद्रिका एवं विशेष पिछवाई के साथ मोजाजी के साथ आभूषण भी आज के शृंगार के अनुरूप सुशोभित कराए गए। सुबह दिन निकलने से पहले ही शहर के विभिन्न मोहल्लों में सैकड़ों याचक पहुंच गए, जिन्हें शहरवासियों ने कपड़े सहित अन्य सामग्री का वितरण कर व खाद्य सामग्री देकर दान-पुण्य किया। श्रद्धालुओं के द्वारा कई स्थानों पर गोमाता को रिजका खिलाया गया। श्रीनाथजी मंदिर की मुख्य गोशाला में भी गोमाता को गुड़-दलिया खिलाया गया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो