भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जांच में दोषी, एमड़ी पूर्व सरपंच के खिलाफ अदालत में चार्जशीट
फर्जी एनओसी से ग्राम पंचायत को 3 लाख की चपत

जांच के बाद अदालत में पेश किया आरोप पत्र
राजसमंद. फर्जी पट्टे जारी कर ग्राम पंचायत को सवा तीन लाख रुपए की चपत लगाने पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद द्वारा एमड़ी के पूर्व सरपंच रामलाल कुमावत सहित दो के खिलाफ एसीबी विशेष न्यायालय उदयपुर में चार्जशीट पेश कर दी। एसीबी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश चौधरी ने बताया कि एमड़ी पंचायत के नौगामा में सरकारी जमीन पर कच्ची पत्थर की दीवार बनी होने के बावजूद एमड़ी के पूर्व सरपंच रामलाल कुमावत द्वारा 8 सितंबर 2013 को लालूराम पुत्र पसराम पालीवाल के नाम एनओजी जारी की। इस पर लालूराम ने एनओसी के आधार पर उक्त जमीन 20 सितंबर 2013 को देवीलाल कुमावत को बेच कर रजिस्ट्री करवा दी। एसीबी द्वारा की गई जांच में पूर्व सरपंच द्वारा जारी एनओसी का रिकॉर्ड ग्राम पंचायत में नहीं मिला। साथ ही लालूराम ने भी भूमि पट्टा नहीं खो जाने का हवाला देते हुए एनओसी के आधार पर रजिस्ट्री करवा दी। इस तरह सरकारी आबादी भूमि खुर्दबुर्द कर दी गई। एसीबी की जांच के अनुसार नौगामा गांव में वर्ष 2013 की डीएलसी दर 122 रुपए प्रति वर्गफीट थी। इसके अनुसार 32 गुणा 80 आकार का भूखंड है, जिसका क्षेफल 2560 फीट है। उक्त भूखंड की 122 रुपए की दर के हिसाब से 3 लाख 12 हजार 320 रुपए हो रहे हैं। इस तरह ग्राम पंचायत को 3 लाख 12 हजार 320 रुपए की हानि पहुंचाई। इस पर एसीबी द्वारा पूर्व सरपंच रामलाल कुमावत व लालूराम पालीवाल के खिलाफ विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम उदयपुर में चार्जशीट पेश कर दी।
पत्रिका ने किया था खुलासा
राजस्थान पत्रिका द्वारा 12 अगस्त 2013 को ‘फर्जी पट्टे से रजिस्ट्री...’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की। इसके तहत तत्कालीन कलक्टर केसी वर्मा के निर्देश पर जिला परिषद द्वारा की गई जांच में भी पूर्व सरपंच को दोषी माना गया। साथ ही पंचायतीराज विभाग द्वारा ग्राम पंचायत को पहुंचाए गए नुकसान की वसूली की कार्रवाई भी अमल में लाई गई थी।
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