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कांग्रेस ने भाजपा को तो भाजपा ने कांग्रेस को कोसा

locationराजसमंदPublished: Jul 13, 2020 08:18:29 pm

Submitted by:

Rakesh Gandhi

– भाजपा लोकतंत्र का एनकाउंटर करने पर उतरी हुई है – सुदर्शन सिंह
– ये कांग्रेस की आपसी लड़ाई व असुरक्षा की भावना का नतीजा है – माहेश्वरी

राजसमंद. 'कांग्रेस विधायक एकजुट हैं और सभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ खड़े हैं। सरकार को कोई खतरा नहीं है, बहुमत बना हुआ है और आगे भी बना रहेगा। भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र का एनकाउंटर करने पर उतरी हुई है। जैसा कई दूसरे प्रदेशों में किया है।' प्रदेश सरकार के समक्ष बने विषम हालात को लेकर राजस्थान पत्रिका के पूछने पर भीम-देवगढ़ विधायक सुदर्शनसिंह रावत ने रविवार दोपहर को ये बात कही। विधायक रावत ने कहा,'खुद गहलोत कहते हैं कि पार्टी में पांच-छह लोग होते ही हैं जो मुख्यमंत्री बनने की काबिलियत रखते हैं व वे इच्छा भी रखते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री बनना तो विधायक दल की राय व पार्टी नेतृत्व के हाथ में होता है। जब तक विधायक दल समर्थन नहीं करता कोई कैसे मुख्यमंत्री बन सकता है? गहलोत को लेकर विधायक दल एक राय है। हम पार्टी लाइन पर चलने वाले व पार्टी सिंबल के साथ रहने वाले विधायक हैं। कांग्रेस पार्टी भाजपा की तरह नहीं है, जहां बाहर से लाकर मुख्यमंत्री थोपे जाते हैं। कांग्रेस ने सत्तर साल में भी कभी इस तरह लोकतंत्र का एनकाउंटर नहीं किया है, जैसे भाजपा कर रही है। कांग्रेस ने ऐसा किया होता तो आज ये लोकतंत्र पता नहीं कहां होता। कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र को जिंदा रखा है। मुझे विश्वास है, सत्य की जीत होगी।' एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'सचिन पायलट जो भी कर रहे हैं ये उनकी अपनी व्यक्तिगत राय हो सकती है, पर जहां तक मुख्यमंत्री का सवाल है हम सभी विधायक अशोक गहलोत के साथ हैं। सभी पार्टी के लिए एकजुट हैं। आज दोपहर को भी हमने मुख्यमंत्री के साथ बैठक की है और ये ही निष्कर्ष सामने आया है।'  ये कांग्रेस की आपसी लड़ाई व असुरक्षा की भावना का नतीजा है - माहेश्वरी राजसमंद. 'कांग्रेस की आपसी लड़ाई व असुरक्षा की भावना के चलते सारा घटनाक्रम चल रहा है। जब कुछ संभल नहीं रहा तो भाजपा पर आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस में सभी का एक-दूसरे पर विश्वास नहीं रहा। उप मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया जाना तो इसकी एक बानगी है।' राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने रविवार को राजस्थान पत्रिका के साथ बातचीत में ये बात कही। विधायक माहेश्वरी ने कहा, 'जबसे सरकार बनी है तबसे ये ही हाल कांग्रेस का बना हुआ है। शनिवार को एकदम से राज्य की सीमाएं सील करने का क्या औचित्य है। अपनी असुरक्षा के चलते जनता के लिए आपात स्थिति बना दी गई है। मुख्यमंत्री को डर है कि विधायक दिल्ली न चले जाएं।' एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'देखिए सम्मान तो सभी को चाहिए कि नहीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये कदम इसीलिए तो उठाया कि उन्हें पार्टी में यथोचित सम्मान नहीं मिल रहा था। व्यर्थ ही भाजपा पर खरीद फरोख्त के आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसा क्या कर दिया और क्या सामने आया जो ये अनर्गल आरोप लगा रहे हैं? मुख्यमंत्री विधायक के लिए औछी बात कर रहे हैं। ये अच्छा नहीं है। किसी भी पार्टी का हो, एक विधायक को जनता चुन कर भेजती है। ऐसे में उन पर ऐसे आरोप कैसे लगा सकते हैं? उनके लिए ऐसा कैसे बोल सकते हैं? कांग्रेस में ये झगड़ा सिर्फ आत्मसम्मान का है।' एक अन्य सवाल के जवाब में माहेश्वरी ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी में मार्गदर्शन देने वाला कोई दिखता ही नहीं है। कई बार ऐसा भी लगता है कि मां-बेटे अलावा कांग्रेस में किसी नेता का कोई वजूद भी नहीं है। कभी मां अध्यक्ष तो कभी बेटा अध्यक्ष। अभी तो ऐसा कुछ नहीं, हमारी सरकार बनने की स्थिति तो है भी नहीं, फिर भी इतनी असुरक्षा की भावना। हां, ये जरूर है कि अगली बार सरकार भाजपा की ही बनेगी। अब तो जनता भी समझ चुकी है।'

कांग्रेस ने भाजपा को तो भाजपा ने कांग्रेस को कोसा,कांग्रेस ने भाजपा को तो भाजपा ने कांग्रेस को कोसा

राजसमंद. ‘कांग्रेस विधायक एकजुट हैं और सभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ खड़े हैं। सरकार को कोई खतरा नहीं है, बहुमत बना हुआ है और आगे भी बना रहेगा। भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र का एनकाउंटर करने पर उतरी हुई है। जैसा कई दूसरे प्रदेशों में किया है।’ प्रदेश सरकार के समक्ष बने विषम हालात को लेकर राजस्थान पत्रिका के पूछने पर भीम-देवगढ़ विधायक सुदर्शनसिंह रावत ने रविवार दोपहर को ये बात कही।
विधायक रावत ने कहा,’खुद गहलोत कहते हैं कि पार्टी में पांच-छह लोग होते ही हैं जो मुख्यमंत्री बनने की काबिलियत रखते हैं व वे इच्छा भी रखते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री बनना तो विधायक दल की राय व पार्टी नेतृत्व के हाथ में होता है। जब तक विधायक दल समर्थन नहीं करता कोई कैसे मुख्यमंत्री बन सकता है? गहलोत को लेकर विधायक दल एक राय है। हम पार्टी लाइन पर चलने वाले व पार्टी सिंबल के साथ रहने वाले विधायक हैं। कांग्रेस पार्टी भाजपा की तरह नहीं है, जहां बाहर से लाकर मुख्यमंत्री थोपे जाते हैं। कांग्रेस ने सत्तर साल में भी कभी इस तरह लोकतंत्र का एनकाउंटर नहीं किया है, जैसे भाजपा कर रही है। कांग्रेस ने ऐसा किया होता तो आज ये लोकतंत्र पता नहीं कहां होता। कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र को जिंदा रखा है। मुझे विश्वास है, सत्य की जीत होगी।’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘सचिन पायलट जो भी कर रहे हैं ये उनकी अपनी व्यक्तिगत राय हो सकती है, पर जहां तक मुख्यमंत्री का सवाल है हम सभी विधायक अशोक गहलोत के साथ हैं। सभी पार्टी के लिए एकजुट हैं। आज दोपहर को भी हमने मुख्यमंत्री के साथ बैठक की है और ये ही निष्कर्ष सामने आया है।’
ये कांग्रेस की आपसी लड़ाई व असुरक्षा की भावना का नतीजा है – माहेश्वरी
राजसमंद. ‘कांग्रेस की आपसी लड़ाई व असुरक्षा की भावना के चलते सारा घटनाक्रम चल रहा है। जब कुछ संभल नहीं रहा तो भाजपा पर आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस में सभी का एक-दूसरे पर विश्वास नहीं रहा। उप मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया जाना तो इसकी एक बानगी है।’ राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने रविवार को राजस्थान पत्रिका के साथ बातचीत में ये बात कही।
विधायक माहेश्वरी ने कहा, ‘जबसे सरकार बनी है तबसे ये ही हाल कांग्रेस का बना हुआ है। शनिवार को एकदम से राज्य की सीमाएं सील करने का क्या औचित्य है। अपनी असुरक्षा के चलते जनता के लिए आपात स्थिति बना दी गई है। मुख्यमंत्री को डर है कि विधायक दिल्ली न चले जाएं।’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘देखिए सम्मान तो सभी को चाहिए कि नहीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये कदम इसीलिए तो उठाया कि उन्हें पार्टी में यथोचित सम्मान नहीं मिल रहा था। व्यर्थ ही भाजपा पर खरीद फरोख्त के आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसा क्या कर दिया और क्या सामने आया जो ये अनर्गल आरोप लगा रहे हैं? मुख्यमंत्री विधायक के लिए औछी बात कर रहे हैं। ये अच्छा नहीं है। किसी भी पार्टी का हो, एक विधायक को जनता चुन कर भेजती है। ऐसे में उन पर ऐसे आरोप कैसे लगा सकते हैं? उनके लिए ऐसा कैसे बोल सकते हैं? कांग्रेस में ये झगड़ा सिर्फ आत्मसम्मान का है।’
एक अन्य सवाल के जवाब में माहेश्वरी ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी में मार्गदर्शन देने वाला कोई दिखता ही नहीं है। कई बार ऐसा भी लगता है कि मां-बेटे अलावा कांग्रेस में किसी नेता का कोई वजूद भी नहीं है। कभी मां अध्यक्ष तो कभी बेटा अध्यक्ष। अभी तो ऐसा कुछ नहीं, हमारी सरकार बनने की स्थिति तो है भी नहीं, फिर भी इतनी असुरक्षा की भावना। हां, ये जरूर है कि अगली बार सरकार भाजपा की ही बनेगी। अब तो जनता भी समझ चुकी है।’
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