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कोरोना ने बढ़ाई सिजेरियन प्रसव की मुश्किलें

locationराजसमंदPublished: Apr 07, 2020 11:08:07 am

Submitted by:

Aswani

लॉकडाउन के दौरान ७ से अधिक प्रसूताओं को उदयपुर किया रैफरजिला अस्पताल के कोरोना वार्ड बनने से हुई समस्या

कोरोना ने बढ़ाई सिजेरियन प्रसव की मुश्किलें

कोरोना ने बढ़ाई सिजेरियन प्रसव की मुश्किलें

अश्वनी प्रतापसिंह

राजसमंद. कोरोना का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दंश राजसमंद की प्रसूताओं को भी सहना पड़ रहा है। यहां के सरकारी अस्पतालों में साधारण प्रसव तो हो रहे हैं लेकिन सिजेरियन के लिए लोगों को निजी चिकित्सालय और उदयपुर पर निर्भर होना पड़ रहा है। इसका प्रमुख कारण यहां के सभी सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन की सुविधाएं नहीं होना है। अभीतक जिले भर से प्रसूताओं को सिजेरियन के लिए राजसमंद के राजकीय आरके जिला चिकित्सालय में रैफर किया जाता था, यहां इमरजेंसी को छोड़कर सभी सिजेरियन हो जाते थे। लेकिन जबसे चिकित्सालय को कोरोना वार्ड बना दिया गया तबसे यहां भी यह सुविधा बंद हैं। ऐसे में सिजेरियन प्रसव के लिए राजसमंद अस्पताल भी रैफरल बन गया है। यहां से अधिकतर प्रसूताओं को उदयपुर के महाराणा भूपाल चिकित्सालय रैफर किया जा रहा है। जबसे अस्पताल कोरोना वार्ड बना है तबसे करीब ७ सिजेरियन प्रसव वाली प्रसूताओं को यहां से रैफर किया गया है। इसमें भी कई महिलाएं निजी अस्पतालों में चली गईं तो कई उदयपुर पहुंची हैं। हालांकि यहां सामान्य प्रसव हो रहे हैं। और लॉकडाउन के दौरान ही जिले में करीब ७२३ किलकारी गूंजी हैं।

यह आ रही मुख्य समस्या
राजसमंद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एनएसथिसिया तथा सर्जन चिकित्सकों का अभाव है। जिसके चलते पहले से ही जिला सिजेरियन प्रसव के मामले में पिछड़ा है। निजी चिकित्सालयों की तुलना में यहां के सरकारी अस्पतालों में महज १० फीसदी ही सिजेरियन प्रसव होते थे, इसमें भी अधिकतर ऑपरेशन राजकीय आरके जिला चिकित्सलय में ही होते थे। वर्तमान समय में कोरोना को देखते हुए मुख्य अस्पताल को कोरोना वार्ड बना दिया गया, जिससे यहां का ओटी (ऑपरेशन थिएटर) बंद है। अस्पताल में महज एक ही एनएसथीसिया चिकित्सक हैं, जिन्हें कोविड-१९ संदिग्धों की देखभाल में रखा गया है। ऐसे में संक्रमण के भय से उनका उपयोग अन्य चिकित्सकीय गतिविधियों में नहीं लिया जा सकता। ऐसे में सभी सिजेरियन प्रसूताओं को जिला अस्पताल से उदयपुर के लिए ही रैफर किया जा रहा है। २६ मार्च से यहां कोई सिजेरियन प्रसव नहीं हुआ है, जिसके चलते करीब ७ प्रसूताओं को उदयपुर रैफर किया गया।

संख्या भी हुई कम…
जब से अस्पताल को कोरोना वार्ड बनाया गया है तब से यहां सिजेरियन प्रसव के लिए प्रसूताएं भी कम आ रही हैं, क्योंकि सबको पता है कि अभी मुख्य अस्पताल कोरोना वार्ड बना हुआ है। २६ मार्च के बाद से यहां सिजेरियन प्रसव बंद हैं, जिसके चलते करीब ७ प्रसूताओं को यहां से उदयपुर के लिए रैफर किया गया है।
-डॉ. ललित पुरोहित, पीएमओ, राजकीय आरके जिला चिकित्सालय, राजसमंद
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