Vedio: हलवाई, नाई बेचने लगे फल और सब्जी
पेट पालने के लिए बदल दिया व्यवसाय
शहरों में 40 फीसदी ठेले बढ़े
अश्वनी प्रतापसिंह
राजसमंद. कोरोना के तहत हुए लॉकडाउन का सबसे बड़ा असर निम्न और मध्यम वर्ग पर पड़ा है। ऐसे में कई व्यवसाइयों ने पेट पालने के लिए अपने व्यवसाय तक बदल लिए हैं। बाजार में चाय-नाश्ता, हेयर सैलून चलाने वाले लोगों ने मांग और लॉकडाउन के अनुरूप अपने व्यवसाए बदल लिए हैं। ताकि लॉकडाउन में भी वे अपना तथा अपने परिवार का गुजर-बसर चला सकें। व्यवसाय बदलने वालों में ९० फीसदी लोगों ने फल और सब्जी के ठेले लगा लिए हैं। साथ ही शहरों में इनदिनों ४० फीसदी से अधिक सब्जी और फलों के ठेले बढ़ गए हैं। अल सुबह सब्जी मंडी में भी इन नए व्यवसाइयों की झलक देखने को मिलती है।
ये भी बेंच रहे सब्जी और फल
शहर में कबाड़ खरीदने वाले तथा कचरा बिनने वाले भी सब्जी और फलों की लॉरी लगाकर सब्जी और फल बेंचते नजर आ रहे हैं। जिससे शहरी क्षेत्र में इन दिनों ठेलेवालों की अधिकता हो गई है। होलसेल सब्जी बेचने वाले बताते है कि इन दिनों नए सब्जी खरीदने वालों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिलता है। शहर की गलियों और मुख्य बाजारों में भी इनकी बढोत्तरी हो रही है। दरअसल चाट-पकौड़ी, पानी बतासी, चाय की लॉरी के कई व्यवसाई भी इन दिनों सब्जी और फल ही बेंच रहे हैं। क्योंकि अन्य सभी व्यवसाय मोडीफाइड लॉकडाउन से पूर्व बंद थे। केवल ऐसी ही कुछ व्यवसाय चल रहे थे, ऐसे में छोटे व्यवसाइयों ने इन्हें अपना लिया तथा ठेले का भी उपयोग ले रहे हैं, कई व्यवसाई तो ऐसे भी सामने आए, जिन्होंने बताया कि सब्जी बेचने के लिए ठेला भी किराय पर लेते हैं।
हेयर सैलून बंद हुआ तो बेंचने लगे फल
कांकरोली बस स्टैंड के पास ठेले पर फल बेंच रहे राकेश सेन ने बताया कि उनके हैयर सैलून की दुकान थी, लेकिन जबसे लॉकडाउन लगा तो प्रशासन ने नियमानुसार दुकान बंद करवा दी। अब परिवार का भरण-पोषण करने के लिए ठेले पर फल बेंच रहे हैं। उन्होंने कहा उतनी कमाई तो नहीं हो रही लेकिन ठीक है, परिवार का गुजर-बसर चल रहा है।
शादी-पार्टी बंद हुई तो लगाया ठेला
कांकरोली सब्जीमंडी के पास फल बेंच रहे युवक ने बताया कि लॉकडाउन से पूर्व वह पार्टियों, शादी-ब्याह में खाना बनाने का काम करता था, लेकिन अब लॉकडाउन होने से वे सभी काम बंद हो गए। उसने बताया कि वह किराए के मकान में रहता है, जिससे किराया भी देना है, रोजाना का खर्च तो बना ही है। ऐसे में जब तंगी दिखी तो उसने ठेला लगाना शुरू कर दिया। जबतक उसका काम शुरू नहीं हो जाता तबतक इससे ही गुजर बसर कर रहा है।
मिठाई की दुकान बंद कर लगा रहे सब्जी
कांकरोली सब्जीमंडी में मिठाई की दुकान चलाने वाले पृथ्वीराज ने बताया कि लॉकडाउन होने के बाद व्यवसाय पूरी तरह बंद हो गया। एक दो दिन माहौल देखा, जिसमें सब्जी वाले, फल विक्रताओं को छूट थी, ऐसे में सब्जी मंडी से हरी सब्जी ले आए और दुकान के सामने ही रखकर बेंचना शुरू कर दिया। बताया कि जितनी कमाई मिठाई की दुकान में हो रही थी अब उतनी तो नहीं होती लेकिन घर का गुजारा चल जाता है।
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