न्यायिक सूत्रों के अनुसार 1 फरवरी 2016 को गुड़लिया, चारभुजा के एक व्यक्ति ने चारभुजा थाने में रिपोर्ट दी। बताया कि 29 जनवरी 2016 को खोलड़ा (साथिया) निवासी नारायणसिंह पुत्र भैरूसिंह चदाणा उसकी बहन प्रियंका के साथ प्रार्थी के घर पहुंचा, उस वक्त न तो घर में वह था और नरेगा कार्य के चलते पत्नी भी घर पर नहीं थी। घर पर अकेली 14 वर्षीय बेटी थी, जिसे बहला फुसला कर लाम्बोड़ी ले गए, जहां देपुर (नाथद्वारा) निवासी देवीलाल पुत्र नाथूलाल जाट भी खड़ा थे। यहां से नारायणसिंह की बहन प्रियंका को वापस घर भेज दिया, नारायणसिंह व देवीलाल बहला फुसला कर नाबालिग किशोरी को देपुर में देवीलाल के कुएं पर ले गए, जहां नारायणसिंह द्वारा दुष्कर्म किया गया। दूसरे दिन 30 जनवरी 2016 को दोनों आरोपित उसे चित्तौडग़ढ जिले के सांवलियाजी ले गए, जहां भी एक रात रखकर नारायणसिंह ने दुष्कर्म किया। फिर पीडि़ता को देवीलाल के हवाले कर नारायणसिंह राजसमंद लौट आया। बाद में देवीलाल पीडि़ता को लेकर उसकी मुंहबोली बहन देवरा का गुड़ा ले गया, जहां देवीलाल ने पीडि़ता से दुष्कर्म किया। दो दिन बाद वापस उसे राजनगर ले आए, जहां पहले से नारायणसिंह खड़ा था। राजनगर में भी एक मकान में उसे रखा, जहां फिर दुष्कर्म किया और उसके बाद उसे कांकरोली के पास सडक़ पर छोड़ कर आरोपित फरार हो गए। बाद में पीडि़ता को पुलिस ने दस्तियाब कर लिया, मगर आरोपित फरार हो गए। पुलिस ने जांच के बाद दोनों आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
इस तरह आधार पर मिली सजा
लोक अभियोजक गोपाललाल जाट ने बताया कि अदालत में 37 दस्तावेजी साक्ष्य व 16 गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय द्वारा नारायणसिंह एवं देवीलाल जाट को दुष्कर्म मामले में दोषी करार दे दिया। साथ ही धारा 363 के तहत 3 वर्ष कारावास व 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। इसी तरह धारा 366 में 5 वर्ष की कैद व 1 हजार रुपए जुर्माना और पोस्को एक्ट में 10 वर्ष की कैद और 10 हजार रुपए का जुर्माना प्रत्येक आरोपित पर लगाया गया। साथ ही अदालत ने पीडि़ता को पीडि़त प्रतिकर योजना के तहत सहायता राशि दिलाने के लिए अनुशंषा की है।
लोक अभियोजक गोपाललाल जाट ने बताया कि अदालत में 37 दस्तावेजी साक्ष्य व 16 गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय द्वारा नारायणसिंह एवं देवीलाल जाट को दुष्कर्म मामले में दोषी करार दे दिया। साथ ही धारा 363 के तहत 3 वर्ष कारावास व 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। इसी तरह धारा 366 में 5 वर्ष की कैद व 1 हजार रुपए जुर्माना और पोस्को एक्ट में 10 वर्ष की कैद और 10 हजार रुपए का जुर्माना प्रत्येक आरोपित पर लगाया गया। साथ ही अदालत ने पीडि़ता को पीडि़त प्रतिकर योजना के तहत सहायता राशि दिलाने के लिए अनुशंषा की है।