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OMG! इस बार बारिश में फिर राजसमंद के कई गांव बन जाएंगे टापू

locationराजसमंदPublished: May 15, 2018 08:26:06 am

Submitted by:

laxman singh

दस माह के बावजूद पिछले वर्ष बारिश में क्षतिग्रस्त पुलों की नहीं हो पाई मरम्मत

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राजसमंद. जिले में जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली की पोल यहां की अव्यवस्थाएं खोलती हैं। गतवर्ष बारिश के बाद हुई क्षति की पूर्ति के लिए जिम्मेदारों ने दस माह से अधिक का समय बिता दिया लेकिन जानलेवा पुलिया अभी भी आमजन के लिए ‘काल’ बनी हुई हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि बारिश का मौसम सिर पर है और क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों की मरम्मत तक नहीं हो पाई है। ऐसे में बारिश में होने वाली जनहानि और आमजन की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?
बारिश में बही पुलिया मरम्मत आज तक नहीं
जिले की खमनोर पंचायत समिति के कुंंठवा पंचायत में चुंडावतों का गुड़ा जाने वाले मार्ग की पुलिया बारिश में बह गई। जबकि चुंडावतों का गुड़ा गांव जाने का यह मुख्य मार्ग है। बच्चों के स्कूल जाने से लेकर रोजाना इस मार्ग से सैकड़ों लोगों का आवागमन होता है। लेकिन बारिश से अबतक करीब दस महीनें बीत गए लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग के जिम्मेदारों ने आजतक इस पुलिया की मरम्मत तक नहीं करवाई। बारिश के बाद ग्रामीणों ने अपने स्तर पर ही मिट्टी डालकर एक बार आवागमन तो सुचारू कर लिया, लेकिन हल्की बारिश से ही यह मिट्टी बह जाएगी और आवागमन बाधित होगा। समस्या को लेकर ग्रामीणों ने रात्रि चौपाल में समस्या बताई, ज्ञापन सौंपे, लेकिन फिरभी जिम्मेदारों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।
मरम्मत की बजाए पुल पर बना दी दिवारें
गतवर्ष बारिश के दौरान बनास नदी की पुलिया जर्जर होकर क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिया के पोली होने से दोनों तरफ सडक़ धंस गई। लेकिन जिम्मेदारों ने इसे ठीक करने के बजाए मार्ग का धंसा हुआ हिस्सा छुपाने के लिए जिम्मेदारों ने सडक़ पर पुलिया के दोनों तफर दीवारें खड़ी कर दी है। इसके चलते यहां आए-दिन दुर्घटना हो रही है। बारिश के बाद से अब तक यहां एक दर्जन से अधिक हादसे हो चुके हैं। अप्रेल माह में ही एक कार इस दीवार से टकराकर नदी में गिर गई थी। मार्ग सीधा जिला मुख्यालय से जुड़ा होने से रोजाना हजारों लोगों का यहां से आवागमन रहता है। बनास नदी का किनारा होने तथा मार्ग में लाइट व्यवस्था तक नहीं होने से राहगीरों को यह दीवारें दिखाई नहीं देती और वह इनसे टकरा जाते हैं।
जानलेवा अवरोधक पर नहीं डाले पाइप
गतवर्ष अच्छी बारिश हुई और जुलाई माह में ही गोमती नदी छापरखेड़ी पारकर झील में समाने लगी। कई वर्षों बाद छापरखेड़ी पर बने अवरोधक पर रिकॉर्ड चादर चली। अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में अवरोधक पर करीब ८ इंच की चादर चल रही थी, तभी एक दम्पती अवरोधक के ऊपर से गुजरते वक्त दुर्घटना का शिकार हो गया था। दम्पती सहित बाइक फिसल कर १५ फीट गहरे नदी के गड्ढे में गिर गई। जिससे महिला की मौत हो गई। घटना के बाद निर्वतमान जिला कलक्टर पीसी बेरवाल ने इस पुलिया के नीचे पाइप डलवाने के आदेश दिए थे, लेकिन जिम्मेदारों ने आज तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे यहां दोबारा हादसा होने की पूरी संभावना बनी हुई है।
शीघ्र काम शुरू होंगे…
जिन क्षतिग्रस्त पुलियों की मंजूरी मिल गई है, उनके काम शीघ्र ही शुरू करवाए जाएंगे। छापरखेड़ी पुलिया का एसडीएम और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी जाकर मौका देखेंगे उसके बाद ही कुछ निर्णय होगा।
बृजमोहन बैरवा, एडीएम, राजसमंद
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