गौरतलब है कि पूर्व में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार को विकल्प तलाशन करने के निर्देश देते हुए कहा था कि अब तो समय बदल गया है। सरकार क्यों नहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करवाना चाहती है।
जवाब पेश किया गया
यह एक अच्छा विकल्प है और संसाधनों की बचत भी हो सकती है। वहीं जो वाहन है, उनका अधिक से अधिक उपयोग करें। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद सरकार की ओर से सुझावों के साथ अपना जवाब पेश किया गया था।
तीनों अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने को कहा
जिसमें कैदियों को लाने ले जाने व उनके स्वास्थ्य से जुड़े सुझाव थे। हाईकोर्ट ने उन सुझावों की पालना को लेकर तीनों अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने को कहा है।
पूरी तरह संभव नही
सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पी.आर. सिंह और उनके सहयोगी दिनेश ओझा ने पैरवी करते हुए कहा कि सरकार कैदियो को लेकर हर संभव प्रयास कर रही है कि सुनवाई पर उनकी उपस्थिति रहे, लेकिन संसाधनो के अभाव के चलते यह पूरी तरह संभव नही हो पा रहा है।