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गृह सचिव, डीजी पुलिस और जेल, हाईकोर्ट में तलब

locationराजसमंदPublished: Nov 10, 2016 10:11:00 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

राजस्थान उच्च न्यायालय ने निचली अदालतों में सुनवाई के दौरान कैदियों को कोर्ट नहीं लाने पर दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिदेशक (जेल) को को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिरहोने के आदेश दिए हैं।

court order

rajasthan high court

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिदेशक (जेल) को 20 दिसम्बर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।

खण्डपीठ ने यह आदेश दिया

निचली अदालतों में सुनवाई के दौरान कैदियों को कोर्ट नहीं लाने पर दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायाधीश गोविन्द माथुर और न्यायाधीश दीपक माहेश्वरी की खण्डपीठ ने यह आदेश दिया।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई क्यों नहीं
गौरतलब है कि पूर्व में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार को विकल्प तलाशन करने के निर्देश देते हुए कहा था कि अब तो समय बदल गया है। सरकार क्यों नहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करवाना चाहती है।

जवाब पेश किया गया 
यह एक अच्छा विकल्प है और संसाधनों की बचत भी हो सकती है। वहीं जो वाहन है, उनका अधिक से अधिक उपयोग करें। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद सरकार की ओर से सुझावों के साथ अपना जवाब पेश किया गया था।

तीनों अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने को कहा 
जिसमें कैदियों को लाने ले जाने व उनके स्वास्थ्य से जुड़े सुझाव थे। हाईकोर्ट ने उन सुझावों की पालना को लेकर तीनों अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने को कहा है।
पूरी तरह संभव नही 
सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पी.आर. सिंह और उनके सहयोगी दिनेश ओझा ने पैरवी करते हुए कहा कि सरकार कैदियो को लेकर हर संभव प्रयास कर रही है कि सुनवाई पर उनकी उपस्थिति रहे, लेकिन संसाधनो के अभाव के चलते यह पूरी तरह संभव नही हो पा रहा है।


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