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इलाज में लापरवाही से प्रसूता की मौत, 24 घंटे बाद हो पाया पोस्टमार्टम

इलाज में लापरवाही पर स्त्री रोग विशेषज्ञ मंजू पुरोहित के विरुद्ध प्रकरण दर्ज

राजसमंदSep 19, 2018 / 11:59 am

laxman singh

इलाज में लापरवाही से प्रसूता की मौत, 24 घंटे बाद हो पाया पोस्टमार्टम

राजसमंद. आरके जिला चिकित्सालय में प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजू पुरोहित को जिम्मेदार ठहराते हुए परिजन व ग्रामीणों ने दूसरे दिन मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया। करीब 24 घंटे तक शव मुर्दाघर में पड़ा रहा और चिकित्सक से 10 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग पर अड़ गए। बाद में कांकरोली पुलिस ने इलाज में लापरवाही बरतने से प्रसूता की मौत होने पर डॉ. मंजू के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया। तहसीलदार व थाना प्रभारी की समझाइश के बाद मंगलवार शाम चार बजे शव का पोस्टमार्टम हो सका।
पुलिस के अनुसार प्रतापपुरा निवासी लीला (36) पत्नी कालू भील की मौत के लिए डॉ. मंजू को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रतापुरा गांव से बड़ी तादाद मे ग्रामीण आरके जिला अस्पताल पहुंच गए। चिकित्सक के विरुद्ध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कांकरोली थाने से उप निरीक्षक भगवान लाल मय जाब्ते के पहुंच गए और समझाइश के प्रयास शुरू कर दिए, मगर ग्रामीण दस लाख के मुआवजे की मांग अड़ गए। हालात बेकाबू होने पर वृत्त निरीक्षक कैलाश दान के बाद तहसीलदार ईश्वरचंद भी पहुंच गए। आक्रोशित ग्रामीण जिला अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र पालीवाल के कक्ष में पहुंच गए और डॉ. मंजू के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई। इस दौरान पूर्व जिला प्रमुख नारायणसिंह भाटी, भानु पालीवाल, श्यामसुंदर पालीवाल, जवाहरलाल जाट, भावा सरपंच प्रहलादसिंह चारण, एसएल भाटी सहित बड़ी तादाद में ग्रामीण पहुंच गए और सुरक्षित प्रसव कराने की एवज में 2 हजार रुपए रिश्वत लेने के बाद भी उचित देखभाल नहीं करने का आरोप लगाया। इस पर पीएमओ डॉ. पालीवाल ने प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने के बाद सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। फिर भी मुआवजे पर कोई सहमति नहीं बन पाई, जिससे आक्रोशित लोग जिला अस्पताल के बाहर कांकरोली- भीलवाड़ा फोरलेन पर पहुंच गए, जहां रास्ता रोक कर अस्पताल प्रशासन के विरुद्ध प्रदर्शन कर दिया। बाद में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया, तब ग्रामीण शांत हुए व दोबारा मुर्दाघर में समझाइश के प्रयास शुरू हुए। करीब साढ़े तीन बजे पीडि़त परिवार को कुछ आर्थिक सहायता दिलाने के बाद ग्रामीण शव के पोस्टमार्टम पर राजी हुए। फिर पोस्टमार्टम करवा शाम चार बजे शव पैतृक गांव प्रतापपुरा ले गए, जहां अंतिम संस्कार कर दिया गया।
यह है मामला
प्रतापपुरा (भावा) निवासी कालू पुत्र भंवरलाल भील ने कांकरोली थाने में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजू के विरुद्ध धारा 304ए के तहत प्रकरण दर्ज कराया। रिपोर्ट में बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर उसकी पत्नी लीला (36) को आरके जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। 17 सितंबर सुबह डॉ. मंजू ने जांच कर बच्चे के मरने की आशंका जताते हुए सोनोग्राफी करवाई, जिसमें भी पुष्टी हो गई। फिर भी डॉ. मंजू ने नॉर्मल डिलेवरी होने का आश्वासन दे दिया और दोपहर में हालत ज्यादा बिगडऩे की सूचना के बाद भी नहीं आए। बाद में घर जाकर बताने पर चार बजे डॉ. मंजू ने अस्पताल पहुंच कर प्रसव के प्रयास किए, तभी प्रसूता ने दम तोड़ दिया।
बिना पैसे नहीं होता कोई प्रसव ?
प्रसूता की मौत को लेकर परिजन, ग्रामीणों के साथ कुछ भाजपा- कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पीएमओ डॉ. नरेंद्र का घेराव कर डॉ. मंजू पर आरोप लगाए कि बिना पैसे लिए एक भी प्रसव नहीं करते। इस पर डॉ. मंजू के पति डॉ. ललित पुरोहित बोले दो साल से किसी से पैसा नहीं लिया। यह बात स्वीकारते ही आक्रोशित लोग बोले कि कल 2 हजार रुपए लेने के बाद भी देखभाल नहीं की। इसलिए प्रसूता लीला की मौत हुई। इस पर डॉ. ललित बोले कि जबरन पैसे घर पर रखकर चली गई और जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे गलत है। इस पर सीआई कैलाशदान भी बचाव में उतरे और डॉ. ललित को कुछ नहीं बोलने की नसीहत दे डाली।
कमेटी की करेगी जांच
प्रसूता लीला की मौत के मामले की जांच के लिए संयुक्त निदेशक उदयपुर द्वारा पांच वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की टीम गठित की जाएगी। टीम की जांच में जो भी सामने आएगा, उसी आधार पर उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी। मृतक प्रसूता के परिजनों से पैसे लेने, इलाज में लापरवाही सहित सभी पहलुओं पर टीम जांच करेंगी। मेरे पास इससे पहले कभी पैसे लेकर इलाज करने की शिकायत नहीं आई।
डॉ. नरेंद्र पालीवाल, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी आरके जिला चिकित्सालय राजसमंद

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