लटकती चट्टानों का बड़ा खतरा
ऊंचे पड़ाड़, नाला, लटकती चट्टाने और विकट मोड़ जोखिमपूर्ण है। बारिश के दौर अक्सर चट्टाने गिर जाती, सुरक्षा दीवारें भी बढ़ती ट्रेफिक दबाव के मुकाबले कमजोर है। इसके बावजूद वन विभाग से अनुमति के अभाव में Road पर गिरी चट्टान के टुकड़ों को हटाने और क्षतिग्रस्त दीवार मरम्मत के अलावा कोई कार्य नहीं किया जा सकता। यही नहीं है कि आज भी कई जगह सुरक्षा दीवार भी नहीं है। क्योंकि वहां पहले सुरक्षा दीवार थी ही नहीं। नई दीवार कहीं भी नहीं बना सकते।
ऊंचे पड़ाड़, नाला, लटकती चट्टाने और विकट मोड़ जोखिमपूर्ण है। बारिश के दौर अक्सर चट्टाने गिर जाती, सुरक्षा दीवारें भी बढ़ती ट्रेफिक दबाव के मुकाबले कमजोर है। इसके बावजूद वन विभाग से अनुमति के अभाव में Road पर गिरी चट्टान के टुकड़ों को हटाने और क्षतिग्रस्त दीवार मरम्मत के अलावा कोई कार्य नहीं किया जा सकता। यही नहीं है कि आज भी कई जगह सुरक्षा दीवार भी नहीं है। क्योंकि वहां पहले सुरक्षा दीवार थी ही नहीं। नई दीवार कहीं भी नहीं बना सकते।
दूसरा मार्ग इससे ज्यादा घातक
राजसमंद से पाली जाने का मुख्य रोड देसूरी नाल ही है, जबकि दूसरा मार्ग कामलीघाट चौराहे से सीरियारी है, मगर वह इससे भी ज्यादा घातक है। वह ग्रामीण सडक़ है, जो आठ से दस फीट चौड़ी ही है और उस मार्ग किनारे भी 100 से 150 फीट गहरी खाईयां है। इस वजह से भारी वाहनों के ट्रेफिक को अन्य मार्ग पर डायवर्ट भी नहीं किया जा सकता। तीसरा रास्ता भीम से ब्यावर होकर है, मगर उसकी दूरी दो सौ से ढाई सौ किमी. से ज्यादा है।
राजसमंद से पाली जाने का मुख्य रोड देसूरी नाल ही है, जबकि दूसरा मार्ग कामलीघाट चौराहे से सीरियारी है, मगर वह इससे भी ज्यादा घातक है। वह ग्रामीण सडक़ है, जो आठ से दस फीट चौड़ी ही है और उस मार्ग किनारे भी 100 से 150 फीट गहरी खाईयां है। इस वजह से भारी वाहनों के ट्रेफिक को अन्य मार्ग पर डायवर्ट भी नहीं किया जा सकता। तीसरा रास्ता भीम से ब्यावर होकर है, मगर उसकी दूरी दो सौ से ढाई सौ किमी. से ज्यादा है।
तीन जिलों की टीम ने बनाई रिपोर्ट
देसूरी नाल में 23 अगस्त को एसिड से भरा टैंकर पलटने से कार सवार 9 लोगों की मौत के बाद तीन जिलों की विशेष टीम ने देसूरी नाल का निरीक्षण किया। प्रादेशिक परिवहन अधिकारी उदयपुर मन्नालाल रावत के नेतृत्व में राजसमंद DTO अनिल पंड्या, सुमेरपुर परिवहन निरीक्षक चन्द्रवीरसिंह देसूरी थाना प्रभारी भंवर लाल, चारभुजा थाना प्रभारी भरतसिंह, Rajsamand उप निरीक्षक रोहितसिंह, PWD चारभुजा के सहायक अभियंता विमलकिशोर वर्मा द्वारा 6 घंटे तक 16 किमी. Desuri Nal की भौतिक स्थिति देखी। इसकी जमीनी रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को भिजवा दी।
देसूरी नाल में 23 अगस्त को एसिड से भरा टैंकर पलटने से कार सवार 9 लोगों की मौत के बाद तीन जिलों की विशेष टीम ने देसूरी नाल का निरीक्षण किया। प्रादेशिक परिवहन अधिकारी उदयपुर मन्नालाल रावत के नेतृत्व में राजसमंद DTO अनिल पंड्या, सुमेरपुर परिवहन निरीक्षक चन्द्रवीरसिंह देसूरी थाना प्रभारी भंवर लाल, चारभुजा थाना प्रभारी भरतसिंह, Rajsamand उप निरीक्षक रोहितसिंह, PWD चारभुजा के सहायक अभियंता विमलकिशोर वर्मा द्वारा 6 घंटे तक 16 किमी. Desuri Nal की भौतिक स्थिति देखी। इसकी जमीनी रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को भिजवा दी।
सडक़ में इंजीनियरिंग डिफॉल्ट
जितना ट्रेफिक है, उसके अनुकूल सडक़ नहीं है। तीस की बजाय 18 से 20 फीट चौड़ी ही सडक़ है और उसके किनारे पगडंडी भी नहीं है। ढलान और मोड़ भी तीक्ष्ण व खतरनाक है। सोलह किमी. के दायरे में 14 घातक मोड़ है, जहां हर वक्त दुर्घटना का खतरा है।
अनिल पंड्या, जिला परिवहन अधिकारी राजसमंद
जितना ट्रेफिक है, उसके अनुकूल सडक़ नहीं है। तीस की बजाय 18 से 20 फीट चौड़ी ही सडक़ है और उसके किनारे पगडंडी भी नहीं है। ढलान और मोड़ भी तीक्ष्ण व खतरनाक है। सोलह किमी. के दायरे में 14 घातक मोड़ है, जहां हर वक्त दुर्घटना का खतरा है।
अनिल पंड्या, जिला परिवहन अधिकारी राजसमंद
ट्रेफिक के अनुकूल नहीं सडक़
वन भूमि से गुजरने वाली देसूरी नाल सडक़ की मरम्मत करना भी आसान नहीं है। मेगा हाइवे से काफी तंग सडक़ है, मगर चौड़ी बनाने की अनुमति ही नहीं है। जब तक चौड़ी सडक़ नहीं बनेगी, तब तक दुर्घटनाओं का इसी तरह रहेगा। इस सडक़ पर दिनोंदिन जितना ट्रेफिक बढ़ रहा है, उसके अनुकूल यह सडक़ नहीं है।
अजीत जैन, परियोजना निदेशक राजस्थान रोड विकास प्राधिकरण उदयपुर
वन भूमि से गुजरने वाली देसूरी नाल सडक़ की मरम्मत करना भी आसान नहीं है। मेगा हाइवे से काफी तंग सडक़ है, मगर चौड़ी बनाने की अनुमति ही नहीं है। जब तक चौड़ी सडक़ नहीं बनेगी, तब तक दुर्घटनाओं का इसी तरह रहेगा। इस सडक़ पर दिनोंदिन जितना ट्रेफिक बढ़ रहा है, उसके अनुकूल यह सडक़ नहीं है।
अजीत जैन, परियोजना निदेशक राजस्थान रोड विकास प्राधिकरण उदयपुर