परवान पर चढ़ा पर बड़े नोटों ने शरद महोत्स को दिया झटका, हर कोई हुआ मायूस
राजसमंदPublished: Nov 12, 2016 02:07:00 pm
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परवान पर चढ़ते मेले को एकाएक 500-1000 के नोट बंद होने से झटका लगा है। ग्राहकी कम होने से व्यापारी मायूस हो गए हैं। गत 7-8 दिन से जारी मेला मंगलवार तक परवान पर था, लेकिन बुधवार से ही बड़े नोट बंद होने से एकदम यहां सन्नाटा छा गया।
परवान पर चढ़ते मेले को एकाएक 500-1000 के नोट बंद होने से झटका लगा है। ग्राहकी कम होने से व्यापारी मायूस हो गए हैं। गत 7-8 दिन से जारी मेला मंगलवार तक परवान पर था, लेकिन बुधवार से ही बड़े नोट बंद होने से एकदम यहां सन्नाटा छा गया। लोग आए भी तो बड़े नोट लेकर, जिनको किसी दुकानदार ने मजबूरी में स्वीकार किया तो किसी ने ग्राहकों को लौटाने में ही भलाई समझी।
गौरतलब है कि मंगलवार तक मेले में रौनक बढऩे लगी थी। शाम होते ही यहां बढ़ती चहल-पहल से मेला अपने यौवन पर थी, लेकिन बुधवार से यह भीड़ एकदम से नदारद सी हो गई है। बड़े नोट बन्द होने से छोटे नोटों की किल्लत होने के चलते दो दिन मेले में सन्नाटा सा पसरा रहा। हालांकि लोग आए, लेकिन अधिकतर ने जब बड़े नोट दिए तो दुकानदार भी मायूस हो गए।
दुकानदारों का कहना था कि बड़ी मुश्किल तो मेले में रौनक बढऩे लगी थी, इस पर बन्द हुए बड़े नोटों से ग्राहकी पर काफी असर पड़ा है। उनका कहना था कि पिछले दो दिन में तो ग्राहकी दस से बीस फीसदी तक सिमट गई है, इससे दुकानों का किराया तक निकालना मुश्किल हो गया है।
चाइनीज क्रॉकरी बेचने आए धौलपुर के ही यूसुफ खान ने बताया कि पिछले 5-7 दिन से अच्छी ग्राहकी थी, लेकिन पिछले दो दिन में यह दस फीसदी भी नहीं रही है। लोग 500-1000 के नोट लेकर आ रहे हैं, जिससे ग्राहकों को बैरंग लौटाना पड़ रहा है।
बच्चों के खिलौने बेचने आए ग्वालियर के प्रेमकुमार ने बताया कि दो दिन से हालत बिगड़ गई है। बोली के जरिए 25 हजार रुपएमें दुकान किराए पर ली, लेकिन अब तो किराया निकालना तक मुश्किल हो गया है। ग्राहकी आधी से काफी कम रह गई है।
इसी प्रकार ब्रजवासी सॉफ्टी के श्रीराम मथुरावालों ने बताया कि गत 5-7 दिन से उनके यहां भरी रहने वाले कुर्सियां पर ग्राहकों का इन्तजार कर रही हैं। बड़ी मुश्किल से मेला पटरी पर आने लगा था, लेकिन बड़े नोटों के बन्द होने से यह शून्य तक रह गया है।
हरियाणा हैण्डलूम के संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले दो दिन स मार्केट 20 फीसदी पर सिमट गया है। लोग 500 के नोट लेकर आ रहे हैं। जब तक खुल्ले थे, तब तक तो लोगों से बड़े नोट स्वीकार किए, लेकिन अब ग्राहकों को समझाना पड़ रहा है।
इसी प्रकार प्रवेश रेडिमेड के प्रवेश कुमार ने बताया कि बड़े नोटों के बन्द होने से मार्केट पर 90 फीसदी तक असर पड़ा है।पिछले दो दिन से खाली बैठे हैं। ग्राहक आ ही नहीं रहे हैं। जो आ रहे हैं, वो बड़े नोट लेकर आ रहे हैं, जिससे ग्राहकी ठप सी हो गई है।