यह था मामला
उल्लेखनीय है कि गोस्वामी पराग कुमार व शिशिर कुमार ने 9 मई को राजसमंद सिविल कोर्ट में वाद दायर किया था। इसमें बताया कि 1980 में गोस्वामी ब्रजभूषण लाल के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी तीनों बेटों को सेवा का समान हित व अधिकार है। 16 मई से 13 जून तक होने वाले अधिकमास में मंदिर में कई मनोरथ प्रस्तावित है। वाद में आरोप लगाया है कि अधिकमास के पहले दिनों के मनोरथ ब्रजेश कुमार महाराज के लिए छोड़ दिए हैं। शेष 19 दिन के मनोरथ पराग कुमार व शिशिर कुमार को करने थे, लेकिन पीठाधीश ब्रजेश कुमार ने सभी मनोरथ अकेले कराने की सूची जारी कर दी है। इसलिए दस दस दिन का ओसरा तय किया जाए।
उल्लेखनीय है कि गोस्वामी पराग कुमार व शिशिर कुमार ने 9 मई को राजसमंद सिविल कोर्ट में वाद दायर किया था। इसमें बताया कि 1980 में गोस्वामी ब्रजभूषण लाल के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी तीनों बेटों को सेवा का समान हित व अधिकार है। 16 मई से 13 जून तक होने वाले अधिकमास में मंदिर में कई मनोरथ प्रस्तावित है। वाद में आरोप लगाया है कि अधिकमास के पहले दिनों के मनोरथ ब्रजेश कुमार महाराज के लिए छोड़ दिए हैं। शेष 19 दिन के मनोरथ पराग कुमार व शिशिर कुमार को करने थे, लेकिन पीठाधीश ब्रजेश कुमार ने सभी मनोरथ अकेले कराने की सूची जारी कर दी है। इसलिए दस दस दिन का ओसरा तय किया जाए।
ये आगामी दिनों के मनोरथ
शुक्रवार सुबह राजभोग दर्शन में बंगला और शाम को शयन दर्शन के दौरान गनगौर सवारी का मनोरथ होगा। इसी तरह 19 मई को सुबह राजभोग दर्शन के दौरान बंगला और शाम को शयन दर्शन के दौरान श्रावण भादो झूला का मनोरथ होगा। 20 मई को राजभोग दर्शन के दौरान चीरहरण एवं शयन दर्शन के दौरान जल विहार सांगामाची का मनोरथ होगा।
शुक्रवार सुबह राजभोग दर्शन में बंगला और शाम को शयन दर्शन के दौरान गनगौर सवारी का मनोरथ होगा। इसी तरह 19 मई को सुबह राजभोग दर्शन के दौरान बंगला और शाम को शयन दर्शन के दौरान श्रावण भादो झूला का मनोरथ होगा। 20 मई को राजभोग दर्शन के दौरान चीरहरण एवं शयन दर्शन के दौरान जल विहार सांगामाची का मनोरथ होगा।