scriptशिक्षा विभाग के जिम्मेदार लगा रहे हैं सरकार को लाखों की चपत | Education Department is responsible for the loss of millions rupees | Patrika News

शिक्षा विभाग के जिम्मेदार लगा रहे हैं सरकार को लाखों की चपत

locationराजसमंदPublished: Nov 15, 2018 01:15:24 pm

Submitted by:

Jyoti Patel

https://www.patrika.com/rajasthan-news/

rajasthan news

शिक्षा विभाग के जिम्मेदार लगा रहे हैं सरकार को लाखों की चपत

राजसमंद. अनाज के एक-एक दाने के लिए किसान सुबह से शाम तक मेहनत करता है। खून-पसीना बहाता है, ताकि सभी को अन्न नसीब हो सके। लेकिन जिले में शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों ने इसे ऐसे बर्बाद किया है, जिससे न केवल सरकार को लाखों रुपए की चपत लगी है, बल्कि गरीबों के हिस्से का गेहूं को घुन लग गया है। मामला राजसमंद ब्लॉक में मिड-डे-मील के तहत स्कूलों में दिए जाने वाले अनाज का है। राजसमंद ब्लॉक में डेढ़ वर्ष पूर्व मिड-डे-मील पकाना बंद कर भोजन की सप्लाई नाथद्वारा के अक्षयपात्र से की जाने लगी। ऐसे में डेढ़ वर्ष पूर्व ब्लॉक के करीब सभी स्कूलों में अनाज का स्टॉक अब बदबू मार रहा है। पत्रिका ने मंगलवार को स्कूलों का निरीक्षण किया तो स्टॉक में पड़ा आधे से ज्यादा अनाज सड़ा मिला। जिम्मेदारों का कहना है कि हम डेढ़ साल से इसे उठाने के लिए अधिकारियों को सूचना दे रहे हैं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
केस -1

राउमावि एमड़ी विद्यालय में ९० किलो गेहूं, और १ क्विंटल चावल पिछले डेढ़ वर्ष से पड़े हैं। कोठी खोलते ही बदबू फैलने लगती है। घुन लगने से अनाज के साथ पूरी कोठी काली पड़ गई है। गेहूं ऐसे हो गए है कि उन्हे पशु भी नहीं खाएं।
केस-2

राउमावि राज्यवास में करीब सवा क्विंटल गेंहू और १ क्विंटल चावल पड़े हैं। गेहूं और चावल बच्चों के खाने लायक नहीं है। विद्यालय में करीब डेढ़ वर्ष से मिड-डे-मिल का खाना नहीं पकाया गया लेकिन जिम्मेदारों ने आजतक अनाज नहीं उठाया।
केस- 3

राउमावि भाटोली स्कूल में करीब सवा डेढ़ क्विंटल चावल खराब हो रहे हैं। कई बार शिकायत के बाद भी जिम्मेदारों ने इसकी सुध नहीं ली। स्कूल प्रशासन का कहना है शिकायत का कोई नतीजा नहीं निकला।
पत्रिका टीम ने मंगलवार दोपहर 12 बजे राउमावि एमड़ी का निरीक्षण किया, जहां संस्थाप्रधान अनाज खराब होने की समस्या से परेशान नजर आए। यहां प्रधानाचार्य भैरुशंकर पूर्बिया ने बताया कि अनाज का स्टॉक है। कई बार अधिकारियों से उठवाने के लिए, कहा लेकिन उठाया नहीं है। अब डेढ़ साल से पड़ा है इसलिए कीड़े लग गए हैं। फिर उन्होंने मिड-डे-मिल प्रभारी से अनाज की स्थिति दिखवाने को कहा। प्रभारी ने जब गेहूं की कोठी खोली तो उसमें करीब ९० किलो गेहूं थे, कोठी घुन के कारण काली पड़ी थी, कोठी खोलते ही अनाज से सड़े होने की बदबू आ रही थी। दूसरी कोठी पर करीब एक क्विंटल चावल थे, चावल की एक बोरी बिना खुले ही पड़ी थी। अनाज की स्थिति देखकर लग रहा था इसे जानवर भी नहीं खाएंगे। दोपहर साढ़े १२ बजे टीम बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय एमड़ी पहुंची। यहां संस्थाप्रधान मनोज पालीवाल ने बताया मिड-डे-मील का भोजन अक्षयपात्र से आता है। कुछ स्टॉक बचा था, उसे भोजन पकाने वाली को दे दिया है। दोपहर १ बजे टीम राउप्रावि नौगामा पहुंची, यहां संस्थाप्रधान जगदीश कुमावत ने बताया कि करीब ७० किलो चावल व कुछ गेहूं स्टॉक में थे, विभाग को सूचना दी लेकिन किसी ने नहीं उठाया, फिर एसएमसी की बैठक कर अनाज का निस्तारण कर दिया। टीम ने राज्यावास, भाटोली स्कूलों की स्थिति जानी तो वहां गेहूं और चावल का स्टॉक होना सामने आया। इस दौरान संस्थाप्रधानों ने बताया कि ब्लॉकभर में यह समस्या है। इस मामले में मुख्य जिला शिक्षाधिकारी युगल बिहारी दाधीच का कहना हैं हमने तो पूर्व में ही आदेश जारी कर ठेकेदार से स्कूलों में पड़ा स्टॉक हटाने को कहा था, अभी तक नहीं हटाया तो मैं जानकारी करता हूं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो