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अरावली पहाड़ियों की गोद में समाए हैं कई पर्यटन स्थल

locationराजसमंदPublished: Aug 07, 2020 08:00:15 am

Submitted by:

Rakesh Gandhi

– गुमनाम पर्यटन स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर लाने के प्रयास

अरावली पहाड़ियों की गोद में समाए हैं कई पर्यटन स्थल

अरावली पहाड़ियों की गोद में समाए हैं कई पर्यटन स्थल

राकेश गांधी
राजसमंद. अरावली की गोद में बसे गांवों में स्थित पर्यटन स्थलों को मानचित्र पर उकेरने के प्रयास शुरू हो गए हैं। हालांकि अभी ठोस शुरुआत होनी है, पर उम्मीद है निकट भविष्य में पर्यटन मानचित्र पर अब उन स्थानों का भी जिक्र होगा, जिसे जिले के बाहर वालों ने न कभी देखा व न सुना होगा। सुखद बात ये है कि इनमें से अधिकतर ग्राम पंचायतें विकसित कर चुकी है तो कुछ इस प्रयास में जुटीं है।
जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी निमिषा गुप्ता ने बताया कि राजसमंद जिले को मिली सुंदरता प्रकृति का उपहार है। अब इसे सहेजने की बारी हमारी है। इस जिले में ऐसे कई स्थान हैं, जो बेहद खूबसूरत वादियों से घिरे हैं। तालाबों व बांधों के आसपास स्थित इन स्थानों को यदि सहेजा या विकसित किया जाए तो आने वाले समय में ये प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकते हैं। कुछ स्थलों को ग्राम पंचायतों ने अच्छे से विकसित भी किया है। यदि ये स्थल प्रचलित व प्रचारित होते हैं तो आने वाले समय में ये स्थल ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने में भी मददगार साबित होंगे तथा क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि इस समय जिले में श्रीनाथजी, द्वारकाधीश, चारभुजानाथ व परशुराम तीर्थ के साथ ही कुंभलगढ़ फोर्ट, राजसमंद झील, हल्दी घाटी, शाही बाग, रक्त तलाई, राणा पुंजा स्मारक, दिवेर, जैसे कई स्थान ऐतिहासिक दृष्टि से जाने-पहचाने नाम हैं। इन स्थानों पर तो पर्यटक पहुंच भी जाते हैं, लेकिन गांवों के ये पर्यटन स्थल अभी भी पहचान को मोहताज हैं। सावन-भादो मास में इन स्थानों पर सैर-सपाटा मन को सुकून देने वाला है। हालांकि कोरोना की वजह से अभी वहां भीड़भाड़ उचित नहीं है, पर भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन स्थानों को खोज कर पर्यटन मानचित्र पर लाने की जरूरत जरूर महसूस की जा रही है।
बाघेरी का नाका बांध से लेकर खमनोर, नाथद्वारा, कुंभलगढ़, चारभुजा, देसूरी के आसपास की पहाडिय़ों में बसे गांव व भीम-देवगढ़ के पास गोरमघाट की पहाडिय़ां अपने आप में पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। बाघेरी का नाका स्थित बांध के छलकने के बाद यहां का नजारा बहुत ही सुंदर बन जाता है। इसके अलावा लाखेला तालाब, हमेरपाल, मोलेला जैसे क्षेत्र तो वहां से गुजरने वालों का ध्यान बरबस अपनी ओर खींच लेते हैं।
सीईओ गुप्ता ने बताया, अभी हम विभिन्न पंचायतों से ऐसे संभावित पर्यटन स्थलों की सूची मंगवा रहे हैं। इसके बाद उनके विकास के बारे में योजना बनाई जाएगी। इस काम को अतिशीघ्र पूरा कर उन्हें मानचित्र पर लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके सकारात्मक परिणाम ये होंगे कि ये ग्राम पंचायतें इन पर्यटन स्थनों से होने वाली आय से आत्मनिर्भरता की तरफ अग्रसर होंगी, साथ ही क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
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