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सरकार ने ढीली नहीं की पोटली, 4 माह का काम, 6 माह बाद भी अधूरा

locationराजसमंदPublished: Jul 31, 2019 11:46:36 am

Submitted by:

Aswani

The Case of Environmental Consciousness Centerराशि नहीं आने से मंथर है काम की गति

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सरकार ने ढीली नहीं की पोटली, 4 माह का काम, 6 माह बाद भी अधूरा

अश्वनी प्रतापसिंह @ राजसमंद. अन्नपूर्णा माता मंदिर क्षेत्र में निर्माणाधीन पर्यावरण चेतना केंद्र का काम चार माह में पूरा होना था, लेकिन समय पर राशि का भुगतान नहीं होने से काम छह माह बाद भी अधूरा है। ऐसे में यहां पहुंचने वाले पर्यटक आधे-अधूरे काम को देखकर निराश होकर लौट रहे हैं। गौरतलब है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वनविभाग ने रूठी रानी के महल को पर्यावरण चेतना केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव बनाया। दिसम्बर 2018 को इसका ठेका हो गया, और काम चार माह यानि अप्रेल 2019 में पूरा होना था लेकिन काम जुलाई समाप्त होने के बाद भी अधूरा है।

पांच में से दो काम ही शुरू
अन्नपूर्णा माता मंदिर क्षेत्र को वनविभाग सज्जनगढ़ की तर्ज पर विकसित करना चाहता है। विभाग ने इसके लिए पर्यावरण चेतना केंद्र सहित पांच कामों को डीएमएफटी मद से स्वीकृत करवाया था, लेकिन राशि के अभाव में सुलभ शौचालय, ईकोपार्क सहित तीन काम पहले से ही बंद हैं। वर्तमान में केवल रूठीरानी महल तथा जय-विजय द्वार का काम मंथर गति से चल रहा है।

ऐसे होना है विकसित
पांच कामों के लिए डीएमएफटी मद से सवा दो करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। इसमें रूठीरानी के महल को पर्यावरण चेतना केंद्र बनाया जाना है, महल दो तल का है, भूतल और प्रथम तल पर तीन-तीन कमरें है, एक शिखर डोम सहित दो डोम हैं। केंद्र के सामने की भूमि को समतल कर ईको पार्क का निर्माण होना है, जहां पर्यटकों को बैठने की व्यवस्था की जाएगी। निर्माण कार्य को हेरीटेज लुक देने के लिए सीमेंट का उपयोग नहीं करके चूना पत्थर, गुड़, मिट्टी आदि के मिश्रण को काम में लिया जा रहा है। क्षतिग्रस्त दीवारों, पत्थरों और आकृतियों को उसी के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। यहां तक की जहां नक्काशीदार पत्थर लगे हैं वहां उसी नक्काशी के पत्थर लगाए गए हैं।

द्वार ने लिया आकार
जीर्ण-शीर्ण हो चुके जय-विजय द्वार को भी हेरीटेज लुक के साथ विकसित किया गया है, इसमें एक द्वार का काम लगभग पूरा हो गया है। साथ ही द्वार के बगल में छतरी को भी विकसित किया गया है।
बनेगी कैंटीन
चेतना केंद्र के बगल में कैंटीन की भी व्यवस्था की जाएगी। ताकि आने वाले पर्यटकों को चाय-नाश्ता मुहैया हो सके। ईको पार्क में बैठक के लिए छतरीदार मेज-कुर्सियां लगाई जाएंगी।

शीघ्र पूरा होगा काम…
काम डीएमएफटी मद से हो रहा है। सरकार से राशि नहीं आने से काम बीच में बंद करना पड़ा था, अब ठेकेदार को एक किस्त का भुगतान हो गया है, शीघ्र ही काम पूरा होगा। जो तीन काम बंद हैं, उनका भी पुन: अनुमोदन कर उन्हें भी शुरू करवाया जाएगा।
-फतेहसिंह राठौड़, डीएफओ, राजसमंद

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