जिला मुख्यालय की मुख्य सड़कों संक्रमित लावारिश गौवंश बैठा रहता है। हालांकि अभी संख्या नाममात्र की है, लेकिन संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में स्थिति विकट हो सकती है। शहर के मुखर्जी चौराहा, 50 फीट रोड़, टीवीएस चौराहा आदि मार्गो पर संक्रमित गौवंश विचरण कर रहा है। लावारिश पशु होने के कारण इनका उपचार भी नहीं हो पा रहा है।
पशुपालकों के खिलाफ हो कार्रवाई
पशुपालक लंपी स्किन डिजीज से संक्रमित होने पर पशु को खुला छोड़ देते हैं। संक्रमित होने के कारण दूध की मात्रा अत्यधिक कम हो जाती है। ऐस में पशुपालक इनका लालन-पालन करने से बचता है। इसके कारण इन्हें लावारिश छोड़ देता है। ऐसे में लावारिश गौवंश की संख्या भी बढ़ जाती है और संक्रमण भी बढ़ रहा है। ऐसे में ऐसे पशुपालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
होना यह चाहिए
– नगर परिषद को आइसोलेशन वार्ड बनाना चाहिए
– संक्रमित पशुओं की चारे-पानी की व्यवस्था हो
– संक्रमित पशुओं का पशुपालन विभाग उपचार करे
– शहर में घूमने वाले संक्रमित पशुओं को वहां पहुंचाया जाए
पशुपालन विभाग ले जिम्मेदारी
मोही रोड पर नगर परिषद की गौशाला बनी हुई है। पशुपालन विभाग संक्रमित पशुओं का उपचार करे तो वहां पर चारे-पानी की व्यवस्था कर दी जाएगी।
– जनार्दन शर्मा, आयुक्त नगर परिषद
संक्रमितों का कर रहे उपचार
लंपी संक्रमितों का लगातार बढ़ता जा रहा है। संक्रमितों को स्वस्थ पशु से अलग कर दिया जाए तो संक्रमण में कमी आ सकती है। विभाग के चिकित्साकर्मी सूचना पर पहुंचकर उपचार करने का प्रयास कर रहे हैं।
– डॉ. अजय अरोड़ा, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग राजसमंद