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‘अत्याचार व शोषण के खिलाफ महिलाएं उठाएं आवाज’

locationराजसमंदPublished: Oct 28, 2020 10:33:08 am

Submitted by:

jitendra paliwal

आवाज अभियान के तहत आयोजन

'अत्याचार व शोषण के खिलाफ महिलाएं उठाएं आवाज'

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राजसमंद. महिला पर हो रही हिंसाओं के विरुद्ध राज्य स्तर पर चलाए जा रहे ‘आवाजÓ अभियान के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सभागार में चाइल्ड लाइन परियोजना की कार्यशाला हुई।
पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं के साथ हो रहे शारीरिक एवं मानसिक शोषण के खिलाफ अभियान के तहत आवाज उठाई जा रही है। भारत में महिलाओं से बलात्कार, घरेलू हिंसा, मारपीट जैसी घटनाओं को रोकने के लिए बने कानूनों का सहारा नहीं लेने से ये हालात पैदा होने की बात कही। उन्होंने कहा कि सामाजिक रूप से महिलाओं एवं बालिकाओं को शुरू से घर में ही भेदभाव का सामना करना पड़ता है। पुरुष को सारे अधिकार मिल जाते हैं। समाज में बेटी और बेटे के बीच भेदभाव की मानसिकता बन गई है। बालकों को अधिक अधिकार मिलते हैं, जबकि बालिकाओं को कम स्वतंत्रता मिलती है।
प्रभारी अधिकारी संजय राव ने महिलाओं-बालिकाओं को सुरक्षा सुनिश्चित कराने, अपने अधिकारों एवं कानूनों के प्रति सजग करने, लैंगिक समानता, महिला अपराधों में कमी लाने, युवाओं-बालकों में महिला सुरक्षा एवं सम्मान का भाव जागृत करने पर चर्चा की।
अध्यक्षता करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नरेन्द्र कुमार ने महिला कानूनों पर कहा कि न्याय एवं सामाजिकता आर्थिक अधिकार तो आपको कानून दिलवा देगा, परन्तु महिलाओं के साथ परिवार में न्याय नहीं मिल पाता है, जिसके कारण महिलाएं हमेशा असुरक्षित माहौल महसूस करती हैं। उन्होंने कहा कि अपराध से पीडि़त को राजस्थान पीडि़त प्रतिकर योजना 2011 के तहत सहायता प्रदान की जाती है। जतन संस्थान के सीनियर प्रोग्राम प्रबन्धक ओमप्रकाश गायरी ने बताया कि बाल विवाह के मामलो में राजसमन्द राजस्थान में तीसरे स्थान पर है। भारत में 16 प्रशित बलात्कार राजस्थान में महिलाओं से होते हैं। उन्होंने कहा कि जो महिला पुलिस थाने में स्वयं जाकर अपने साथ हुए उत्पीडऩ के बारे में जानकारी देती है तो उसे सम्मान देकर पीड़ा सुननी चाहिए। रेशमा प्रवीन ने लघु फिल्म व कोमल ने एनिमेट मूवी दिखाकर बाल यौन शोषण के प्रति जागरूक किया। इस मौके पर जी.एल गुर्जर, गोर्वधनलाल, अनीता वैरागी, रेशमा परवीन, संतोष लोहार व अन्य लोग मौजूद थे।
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