प्रवासियों के सामने गांव में रहकर रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई हैं, ऐसे में ग्राम पंचायत ने नरेगा व संस्थाओं की मदद से ज्यादा से ज्यादा प्रवासियों और स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ना शुरू कर दिया है। वहीं कई युवाओं ने स्वयं के कार्य प्रारंभ कर दिए है, जिसमें किराने की दुकान, नाश्ता सेंटर, कपड़े की दुकान, वेल्डिंग की दुकान के अलावा सब्जी की पैदावार सहित अनेक कार्य प्रारंभ किए है। इससे लोगों के जीवन में इससे बदलाव भी होने लगा है। ग्राम पंचायत के युवा सरपंच सुरेश मेहता ने कोरोना संकटकाल से बेराजगार हुए लोगों के जीवन को फिर से पटरी पर लाने की कोशिशों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि वे स्थानीय एवं प्रवासी लोगों को लगातार रोजगार मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं। वे गांव और पंचायत के अन्य इलाकों में संस्थाओं के साथ मिलकर स्थानीय स्तर पर ही लोगों को रोजगार मुहैया हो सके इस काम में जुटे हुए हैं।