कार्यक्रम की शुरुआत गायक मशरुम मनचला ने आवो नी गजानंद म्हारे आंगणे…के साथ विनायक स्तुति एवं गुरु वंदना से की। आरम्भ में मशरुम ने बालाजी के गुणगान में भी भजन पेश किया। इसके बाद ख्यातनाम गायक मोईनुद्दीन मनचला ने सद्गुरु वंदना के बाद धर्मप्रेमियों को आराध्य प्रभु श्रीराम की स्तुति से जोड़ते हुए भजन रामजी रो नाम म्हाने मीठो घणो लागे ओ, प्यारो घणो लागे ओ…की भावपूर्ण प्रस्तुति दी तो लोग भी संगान करते हुए श्रीराम के जैकारे लगाने लगे। इससे पूरा परिवेश राममय हो गया। इसके साथ ही मनचला ने लोकदेव बाबा रामदेव की महिमा बखान करते हुए लोकप्रिय भजन खम्मा-खम्मा ओ म्हारा अजमाल जी रा कंवरा, रुणिजे रा धणिया…की प्रभावी प्रस्तुति दी तो बाबा की भक्ति में भाव-विभोर होकर श्रद्धालुओं ने जय बाबा री, जय रामसा पीर की जैसे गगनभेदी जयकारों से परिवेश को गूंजा दिया। छोटूसिंह ने अजब कहानी इण धोरां री…के जरिए राजस्थान का महिमा मण्डन किया वहीं दिल्ली के अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान के गुणगान में जय भवानी-जय पृथ्वीराज चौहान…की प्रस्तुति दी जिसे काफी सराहा गया। भक्ति सुर-सरित का क्रम तडक़े तक चलता रहा। कार्यक्रम का संचालन महालक्ष्मी म्यूजिकल गु्रप के निदेशक मुकेश पालीवाल एवं डालचंद कुमावत लवाणा ने किया।
प्रारम्भ में जेसी गु्रप अध्यक्ष अशोक टांक, संरक्षक रमेश मेवाड़ा, हेमंत रजक आदि ने मेवाड़ी पगड़ी पहना कर एवं तलवार भेंट कर मनचला एवं रावणा का अभिनंदन किया। इस मौके पर जेसी गु्रप की ओर से जल्द जिला मुख्यालय पर जरुरतमंदों की सेवार्थ एम्बुलेंस संचालित करने की घोषणा करते हुए बताया कि निर्धन, गरीब व असहाय लोगों को यह सुविधा नि:शुल्क मुहैया होगी। इस दौरान लवाणा निवासी गौभक्त कार्यकर्ता डालचंद कुमावत ने अपनी ओर से स्वरप्रभा संस्थान जोधपुर में गौसेवा के तहत गौरथ के लिए 51 हजार रुपए सहयोग राशि का चेक गायक मनचला को भेंट किया। इस पर डालचंद का उपरणा से सम्मान किया गया। गु्रप अध्यक्ष अशोक टांक के नेतृत्व में राकेश प्रजापत हीरालाल माली, घनश्याम माली, प्रभुसिंह, कुलदीप बोहरा, नरेन्द्रसिंह पप्सा, अर्पित जैन, मनोज जावडिय़ा, धर्मेश खटीक, राजकुमार बैरवा, विक्रम सिंह, हैडन, देवाशीष बागोरा, विशाल वसीटा, अर्पित वसीटा आदि व्यवस्थाओं में मुस्तैद रहे।
गु्रप अध्यक्ष टांक ने बताया कि 10 दिवसीय महोत्सव के अंतिम दिन शनिवार को गणपति प्रतिमा विसर्जन के लिए सुबह करीब 11 बजे आयोजन स्थल से शोभायात्रा निकलेगी जिसमें वल्र्ड जीनियस गंगरार अखाड़ा प्रदर्शन, सुन्दर खडक़वाड़ी ढोल भीनमाल, जैसलमेर का प्रसिद्ध ऊंट नृत्य, कई प्रसिद्ध ढोलवादन दल, विविध तरह की मनोहारी झांकियां तथा हैरतअंगेज कला-कौशल का प्रदर्शन विशेष आकर्षण होंगे।
ठाकुरजी व रिद्धी-सिद्धी एक साथ पहुंचे सरोवर
राजसमंद. सांगठ में जलझूलनी एकादशी पर ठाकुरजी संग रिद्धी-सिद्धी की भी सवारी निकली। दोनों शोभायात्रा सरोवर किनारे एक साथ पहुंची, जहां जयकारों के साथ पहले ठाकुरजी को सरोवर स्नान करवाया। फिर विघ्नहर्ता श्री गणेश प्रतिमा का जयकारों के साथ विसर्जन हुआ। सांगठ कला में पहली बार ठाकुरजी व श्री गणेशजी की शोभायात्रा सरोवर किनारे एक साथ पहुंची। गुलाल-अबीर से सराबोर श्रद्धालु छौगाला छेल व गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे लगा रहे थे। इससे माहौल पूरा भक्तिमय हो गया। जयकारों के साथ प्रतिमा का विसर्जन किया गया। बागोटा में जेएनजी ग्रुप की ओर से गणपति महोत्सव हुआ। विसर्जन देखने गुर्जरों की भागल, चौहानों की भागल, बंशावलियों का गुड़ा, डोकरिया तालाब सहित आस-पास के बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे। इस दौरान सरपंच भैरूलाल जोशी, भीमसिंह, बागोटा के हरिसिंह, रतनसिंह, भगवतसिंह, किशनसिंह, गोविन्दसिंह, लालसिंह, उदयसिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।