धायला सरपंच के परिवार पर इस विपत्तियों के पहाड़ के टूटने के बावजूद किसी जनप्रतिपिधि, नेता या प्रशासनिक अधिकारी ने उनसे सम्पर्क तक नहीं किया है। ऐसे में यह सवाल सहज ही उठता है कि जब सरपंच की स्थिति यह है तो कोरोना महामारी में मौत का शिकार हुए सामान्य व्यक्तियों के परिवारों को कौन पूछेगा?
धांयला सरपंच के परिवार पर महामारी के कारण आए संकट में सरपंच संघ अपने स्तर पर भी सहयोग करेगा। पीडि़त परिवार को नियमानुसार राजकीय सहायता दिलाने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
संदीप श्रीमाली, जिलाध्यक्ष, सरपंच संघ, राजसमंद
कुंवारिया. कस्बे के छापर वाले हनुमान मंदिर मार्ग पर रहने वाले 28 वर्षीय युवक ने 38 दिन तक चिकित्सालय में कोरोना महामारी से संघर्ष करते हुए 3 जून को दम तोड़ दिया, जिससे उसके मासूम बच्चों की परवरिश का सवाल खड़ा हो गया है। कुंवारिया निवासी भैरूलाल पुत्र नारूलाल भांड अप्रेल के अंतिम दिनों में अचानक तबीयत खराब होने पर चिकित्सालय में स्वास्थ्य की जांच कराने पहुंचे तो कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद 38 दिनों तक उदयपुर चिकित्सालय में उपचार चला और 3 जून को उसने दम तोड़ दिया। परिवार के कमाऊ सदस्य के उपचार में काफी खर्च होने के बाद अब यह परिवार आर्थिक संकट में भी फंस गया है। भैरूलाल की पत्नी अनीता, पुत्र कृष्णकांत व पुत्री रेणु के समक्ष गुजारे का संकट खड़ा हो गया है। मृतक भैरूलाल के पिता नारूलाल उम्र (62) तथा मां पारस देवी (58) मजदूरी करके फिलहाल जैसे-तैसे खर्चा चला रहे हैं। मृतक के पिता नारूलाल ने बताया कि घर की माली हालत काफी खराब है एवं चिकित्सालय में भी उपचार के दौरान काफी रुपए खर्च हो चुके हैं। ऐसे में सरकार से सहायता मिल जाए तो मासूम बच्चों के गुजर-बसर की चिंता दूर हो सकती है।