scriptTENSION : किसानों के गले की फांस बना ऑनलाइन पंजीयन : नहीं बेच पा रहे फसल | Farmers online registration hassle | Patrika News

TENSION : किसानों के गले की फांस बना ऑनलाइन पंजीयन : नहीं बेच पा रहे फसल

locationराजसमंदPublished: Apr 06, 2018 12:27:00 pm

Submitted by:

laxman singh

जिले में अब तक २१ पंजीयन, केवल एक किसान ने बेची फसल

Rajsamand,Rajsamand news,Rajsamand Hindi news,Rajsamand local news,rajsamand news in hindi,rajsamand latest hindi news,rajsamand latest hindi news. rjasamand,Latest News rajsamand,Latest hindi news rajsamand,
राजसमंद. खेती में आधुनिक तकनीकों को अपनाने की राह पर चल रहे किसानों को फसल बेचने में ऑनलाइन पंजीयन ने परेशानियां पैदा कर दी है। अधिकांश भूमिपुत्रों को प्रक्रिया की समझ नहीं होने से उन्हें भटकना पड़ रहा है। इस बार फसल उत्पादन को लेकर खरीद केन्द्रों पर अच्छी आवक की उम्मीद लगी है। इन केन्द्रों पर कई किसान अपनी फसल बेचने आ रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन पंजीयन नहीं होने से उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा है। दरअसल, सरकार ने इस बार गेहूं, चना, जौ, सरसों आदि फसल का ऑनलाइन पंजीयन शुरू कर दिया है। हालांकि गेहूं के लिए ऑफलाइन प्रक्रिया भी मान्य है, लेकिन चने की फसल ऑनलाइन पंजीयन के बाद ही बेची जा सकती है। किसान को फसल को खरीद केन्द्र लाने से पूर्व नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर ऑनलाइन पंजीयन कराना होता है। वहां से प्राप्त टोकन के जरिये फसल का विक्रय होता है।

यह है प्रक्रिया
पहली बार लागू ऑनलाइन पंजीयन में किसान को फसल विक्रय से पूर्व पूरा ब्योरा और दस्तावेज लेकर ई-मित्र केन्द्र जाना होता है। वहां पंजीयन के बाद ग्राहक के मोबाइल पर संदेश आता है। संदेश में फसल को खरीद केन्द्र पर लाने की तारीख व फसल की विस्तृत जानकारी होती है। उसी दिन किसान को फसल बेचने के लिए केन्द्र पर लानी होती है। इससे पूर्व लाने पर फसल की खरीदी नहीं की जाती है। ऑनलाइन प्रक्रिया में निर्धारित तारीख के बाद फसल लाने पर पुन: पंजीयन कराना होता है।

जानकारी का अभाव
जिलेभर में अधिकांश किसान इस प्रक्रिया से अनभिज्ञ हैं। कई किसानों के पास मोबाइल फोन भी नहीं हैं। ऐसे में वे ऑनलाइन पंजीयन नहीं करा पा रहे हैं, वहीं कुछ किसान पंजीयन के बाद भी मैसेज न आने या मैसेज आने के बाद तय समय पर फसल केन्द्र पर नहीं ले जा पाने की स्थिति में पंजीयन निरस्त होने से मुश्किल में हैं।

दस्तावेजों की भी झंझट
पंजीयन के लिए किसानों को अनेकों दस्तावेज लाने पड़ रहे हैं। पूर्ण दस्तावेज नहीं होने पर पंजीयन नहीं हो रहा है। गिरदावरी प्रमाण-पत्र, जमाबंदी नकल, कृषक पास बुक्स, फोटो, पहचान-पत्र, आधार कार्ड, जॉब कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, बैंक खाते की पास बुक आदि दस्तावेज अनिवार्य कर दिए हैं।

अब तक २१ ही पंजीयन
जिले में हजारों किसान होने के बावजूद प्रक्रिया अनिवार्य होने से अब तक २१ किसानों ने ही अपनी फसल का पंजीयन करवाया है, वहीं ६ लोगों तक ही फसल खरीद केन्द्र लाने के मोबाइल संदेश पहुंचे हैं। इनमें से एक किसान ने फसल बेची है। हालांकि गेहूं को इस दायरे से बाहर करने से किसानों को थोड़ी राहत है।

प्रक्रिया पूरी करनी ही होगी।
चने की फसल के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया है। थोड़ी दिक्कत तो आएगी, लेकिन जहां तक सम्भव है, प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
बृजमोहन बैरवा, अतिरिक्त जिला कलक्टर

ट्रेंडिंग वीडियो