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फोरलेन पर ‘यमराज’ बन घूम कर रहे मवेशी, हो रहे हादसों में जा रही लोगों की जान

सडक़ पर जगह जगह बैठे रहते हैं कई मवेशी, प्रशासन उदासीन, वाहन चालकों की जोखिम में जान

राजसमंदSep 04, 2018 / 11:42 am

laxman singh

फोरलेन पर ‘यमराज’ बन घूम कर रहे मवेशी, हो रहे हादसों में जा रही लोगों की जान

राजसमंद. जिले के हाइवे पर फोरलेन बनने के बाद भी तय रफ्तार में चलना वाहन चालकों के लिए जान जोखिम में डालने के समान है। प्रमुख दोनों फोरलेन की सडक़ों पर जगह जगह अक्सर मवेशी बैठे रहते हैं या इधर से उधर विचरण करते रहते हैं। फोरलेन क्रॉसिंग के लिए भी कई बार अचानक जंगली जानवरों के दौडक़र आने से दिनोंदिन हादसों की तादाद बढ़ रही है। इस तरह पुलिस, परिवहन, प्रशासन के साथ फोरलेन निर्माता कंपनी की उदासीनता से वाहन चालकों की जान जोखिम में है।
राष्ट्रीय राजमार्ग आठ पर देलवाड़ा से भीम तक जगह जगह बीच सडक़ मवेशी दिनभर बैठे बैठे जुगाली करते रहते हैं, मगर उन्हें हटाने के कोई प्रबंध नहीं है। उदयपुर से गोमती चौराहा तक फोरलेन बना होने के बावजूद टोल प्लाजा नेगडिय़ा व मांडावाड़ा के पेट्रोलिंग दल द्वारा भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते देलवाड़ा, उपली ओडन, नाथद्वारा में लालबाग, गुंजोल चौराहा, करजियाघाटी, बडारड़ा, पीपरड़ा, चुंगीनाका, सेवाली, मोरचणा, पसूंद, मोखमपुरा, केलवा, मादड़ी, मांडावाड़ा, पड़ासली व गोमती चौराहे तक भी कई मवेशी बैठे रहते हैं। ऐसी ही स्थिति गोमती से दिवेर, कामलीघाट, बग्गड़, भीम व टोगी तक की है। इसी तरह कांकरोली से भीलवाडा तक बने फोरलेन पर सालमपुरा, जेके सर्कल, गौमाता सर्कल, भावा, मादड़ी चौराहा, कुंवारिया मेला ग्राउंड, कुंवारिया, फियावड़ी, खंडेल तक गाय, भैंस व अन्य मवेशी जगह जगह दिन व रात में भी बैठे रहते हैं। फोरलेन पर मवेशियों के बैठे रहने की वजह से दिन में तो वाहन को नियंत्रित कर लेते हैं, मगर रात के अंधेरे में सामने के वाहनों की रोशनी के चलते मवेशी नहीं दिखने की वजह से दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। आए दिन हादसे होने के बावजूद पुलिस, परिवहन, प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसका खमियाजा आम वाहन चालकों को हादसे के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
पशुपालक बेपरवाह, हादसे की आशंका
शहर-देहात के पशुपालक ही गाय, भैंस को घर के खुंटे से छोड़ देते हैं। इसी वजह से मवेशी शहर-देहात की सडक़ों से लेकर फोरलेन पर बेतरतीब विचरण करते रहते हैं। कई बार बीच सडक़ में ही मवेशी समूह के रूप में बैठ जाते हैं और हादसे का कारण बनते हैं। कई हादसे होने के बावजूद पशुपालक गंभीर नहीं है।
नहीं दिखता फोरलेन पेट्रोलिंग वाहन
फोरलेन हर वक्त अवरोधक मुक्त रखने के लिहाज से प्रत्येक टोल प्लाजा के अधीन एक एक पेट्रोलिंग वाहन है और नियमित गश्त का प्रावधान है। सद्भाव कंपनी की उदासीनता के चलते पेट्रोलिंग दल की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं। फोरलेन घटना, दुर्घटना या किसी भी परिस्थिति तरह का अवरोधक, कुड़ा, कचरा आ जाए, तो उसे तत्काल हटाए या कैम्पर में भरकर निस्तारित करने का प्रावधान है। फोरलेन पर कई घंटे मवेशियों के बैठे रहने से पेट्रोलिंग वाहन नियमित गश्त पर आ भी रहा है या नहीं। यह बड़ा सवाल है।
पेट्रोलिंग दल को पाबंद करेंगे
दोनों फोरलेन पर रोटेशन में नियमित पेट्रोलिंग रहती है और जहां भी मवेशी दिखते हैं, तो उन्हें तत्काल हटाए जाते हैं। अगर पेट्रोलिंग दल द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है, तो इसके लिए कार्मिकों को पाबंद किया जाएगा कि वे नियमित चलते रहते, ताकि फोरलेन पर कोई भी अवरोधक न रहे।
अरविंदसिंह, प्रबंधक सद्भाव कंपनी नेगडिय़ा
 

केस 1 : कुंवारिया से कांकरोली की तरफ जाते वक्त मादड़ी के पास फोरलेन पर अचानक गाय दौडक़र आने से बाइक नीचे गिर गई। 16 अगस्त को हादसे में बाइक चालक चारभुजा निवासी रमेशचन्द्र (३५) पुत्र किशन बड़वा व उसकी बेटी भूमिका (6) व उसकी मां रामकन्या (65) घायल हो गए। बेटी भूमिका के सिर में गाय का सिंग धंसने से मौके ही मौत हो गई।
केस 2 :
हाइवे आठ पर करजियाघाटी नाथद्वारा के पास 18 जून को बीच सडक़ गधे का शव पड़ा होने से कार चढक़र पलट गई। हादसे में मांडलगढ़ (भीलवाड़ा) के मनीषा (32) पत्नी उमेश टेलर, झड़ोल, कोशीस्थल (भीलवाड़ा) के जगदीश (52) पुत्र सोहन टेलर व भीलवाड़ा के कुसुम (28) पत्नी हरीश टेलर की मौके पर ही मौत हो गई। इसके एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए।

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