scriptANXIETY : डिजिटल खेल के भंवरजाल में फंस रही भावी पीढ़ी : आउटडोर गेम से घट रहा रूझान | Future generation trapped in the vortex of digital game | Patrika News

ANXIETY : डिजिटल खेल के भंवरजाल में फंस रही भावी पीढ़ी : आउटडोर गेम से घट रहा रूझान

locationराजसमंदPublished: Apr 24, 2018 08:58:27 am

Submitted by:

laxman singh

बच्चों में शारीरिक विकास हो रहा प्रभावित

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राजसमंद. बड़े शहरों की तरह ही राजसमंद की भावी पीढ़ी का भी डिजिटल खेलों के प्रति रूझान बढ़ा है। बच्चे, युवा मैदानों की जगह टीवी, कम्प्यूटर मोबाइल पर ही ऑनलाइन, ऑफलाइन खेलों को महत्व देने लगे हैं। जिसका असर सूने पड़े खेल मैदानों पर देखने को मिलता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि आउटडोर खेलों में कमी आने का सीधा असर बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। एक समय था जब बच्चे शाम होते ही खेल मैदानों पर नजर आते थे, कोई फुटबॉल, कोई वॉलीबॉल, तो कोई क्रिकेट, बैडमिंटन, कबड्डी खेलता नजर आता था, आलम यह होता था कि मैदान पर बच्चों को खेलने के लिए जगह नहीं मिलती थी, पर आज ऐसा कम ही देखने को मिलता है। राजसमंद की बात करें तो यहां एक दो मैदानों को छोडक़र सभी खाली रहते हैं। यह असर केवल शहरी परिवेश में नहीं बल्कि गांवों में भी देखने को मिलता है, बढ़ते मोबाइल के चलन ने यहां के मैदानों को भी सूना बना दिया है। इससे बच्चों के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
कमरे में सिमटी दुनिया…
डॉ. अनमोल पगारिया बताते हैं कि डिजिटल खेलों के बढऩे से बच्चों की दुनिया कमरे तक ही सीमित होकर रह गई है। इससे सामाजिक, आर्थिक और शारीरिक दृष्टी से नुकसान पहुंच रहा है। डिजिटल, टीवी के कार्टून और फोन द्वारा गेम से बच्चों की अनिद्रा और आंखें कमजोर होने का खतरा रहता है। आउटडोर गेम से सामाजिक स्तर पर विचारों का आदान-प्रदान होता है। साथ ही इससे बच्चे का बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास होता है।
अभिभावक करते हैं अनदेखी…
मोबाइल फोन ने काफी हद तक बच्चों का बचपन छीन लिया है। बच्चे फोन से ही मनोरंजन करते हैं। जिससे काफी दूष्परिणाम हैं, अधिकतर बच्चों की आंखों की रोशनी कम हुई है। अभिभावक भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं।
चांद खां पठान, जिला खेल अधिकारी राजसमंद
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