जगदीश उर्फ जग्गुदा पालीवाल ने बताया कि जब इस गणगौर महोत्सव की शुरुआत की, तब रात्रि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गेर नृत्य, कठपुतली नृत्य और स्कूल छात्रों की प्रस्तुतियां मुख्य थी। सिनेमा हॉल का बड़ा पर्दा श्री बालकृष्ण स्टेडियम में लगाकर कभी रामायण या फिल्म भी दिखाई जाती थी।
गणगौर सवारी की सांस्कृतिक विरासत को पुर्नजीवित करने के लिए जनता मंच गठित की। मंच के अध्यक्ष स्व. भगवतीलाल पालीवाल थे। जगदीश पालीवाल (जग्गु दा पान वाले), प्रकाश पालीवाल (बैंक वाले), भगवतीलाल पालीवाल (वर्तमान मंदिर अधिकारी), वीएस चौहान, एमके व्यास, सुरेश गुप्ता (न्यूज एजेंसी), मनोहरगिरी गोस्वामी, महावीर जैन, स्व. रमेश दाधीच, छन्नुसिंह चौधरी, जयसिंह राणावत, सत्यनारायण उर्फ शिवजी शर्मा, गोटूलालजी (गोटू बा), पूर्व पालिकाध्यक्ष महेश पालीवाल, भानु पालीवाल, हरगोविंद पालीवाल आदि प्रमुख कार्यकर्ता थे। टेंट व्यवस्था विष्णुजी जोशी व बिजली का प्रबंध स्व. सम्पत चोरडिय़ा के जिम्मे था।