scriptजनता मंच ने सहेजी राजसमंद की सांस्कृतिक विरासत, चार हजार से शुरू, अब 44 लाख की | Gangor Mahotsav at rajsamand | Patrika News
राजसमंद

जनता मंच ने सहेजी राजसमंद की सांस्कृतिक विरासत, चार हजार से शुरू, अब 44 लाख की

पहले मंदिर, फिर शहरवासी और अब नगरपरिषद के जिम्मे आयोजन, जयपुर के बाद राजसमंद में दूसरी बड़ी गणगौर सवारी

राजसमंदApr 09, 2019 / 11:24 am

laxman singh

Rajsamand,Rajsamand news,rajsamand news in hindi,rajsamand latest hindi news,rajsamand latest hindi news. rjasamand,rajsamand latest hindi news rajsamand,Latest News rajsamand,Latest hindi news rajsamand,

जनता मंच ने सहेजी राजसमंद की सांस्कृतिक विरासत, चार हजार से शुरू, अब 44 लाख की

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

रियासतकाल से कुछ वर्ष बाद बंद गणगौर सवारी की वापस शुरुआत जनता मंच द्वारा 1979 में की गई। तब गणगौर सवारी पर करीब 4 हजार रुपए खर्च आया था और इस वर्ष के लिए नगरपरिषद द्वारा करीब 44 लाख रुपए का बजट निर्धारित किया है। रियासतकाल में श्री द्वारकाधीश मंदिर के पीठाधीश ही शासक (राजा) थे और उन्हीं के द्वारा करीब चार सौ वर्ष पहले इसकी शुरुआत की, जो रियासतकाल के बाद कुछ वर्षों बाद यह सवारी बंद हो गई, जिसे वापस 1979 में जनता मंच द्वारा शुरू की गई। मंच द्वारा जनसहयोग से राशि एकत्र कर सवारी निकाली जाती थी। फिर वर्ष 1991 से सवारी निकालने का जिम्मा राजसमंद की नगरपालिका ने ले लिया, तब तब से अनवरत सवारी निकल रही है। उसके बाद धीरे धीरे राजसमंद के गणगौर महोत्सव की भव्यता बढ़ती गई और अब जयपुर के बाद राजसमंद का सबसे बड़ा गणगौर महोत्सव है। रियासतकाल के बाद कई वर्ष गणगौर सवारी बंद रही, मगर जनता मंच ने सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हुए चूंदड़ी, गुलाबी व हरी गणगौर की सवारी निकालने की परंपरा फिर शुरू की।
रमते थे गेर, देखते थे कठपुतली नृत्य
जगदीश उर्फ जग्गुदा पालीवाल ने बताया कि जब इस गणगौर महोत्सव की शुरुआत की, तब रात्रि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गेर नृत्य, कठपुतली नृत्य और स्कूल छात्रों की प्रस्तुतियां मुख्य थी। सिनेमा हॉल का बड़ा पर्दा श्री बालकृष्ण स्टेडियम में लगाकर कभी रामायण या फिल्म भी दिखाई जाती थी।
Rajsamand, </figure> Rajsamand news, <a  href=Rajsamand news in hindi, rajsamand latest hindi news , rajsamand latest hindi news. rjasamand ,rajsamand Latest hindi news rajsamand , Latest News rajsamand ,Latest hindi news rajsamand,” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/04/09/1001_4400996-m.jpg”>विट्ठलविलास बाग में जाती थी सवारी
पहले श्री द्वारकाधीश मंदिर से शुरू होने वाली गणगौर सवारी विट्ठल विलास बाग में स्थित गणगौर चबुतरे तक जाती थी। उसके बाद जनता मंच की शुरुआत से सवारी का गंतव्य स्थल श्री बालकृष्ण स्टेडियम बन गया। फिर एक बार आचार्य तुलसी का चातुर्मास कांकरोली में था, तब एक बार सवारी फिर श्री बालकृष्ण स्टेडियम की बजाय विट्ठलविलास बाग तक निकाली गई थी।
इन्होंने सहेजी विरासत
गणगौर सवारी की सांस्कृतिक विरासत को पुर्नजीवित करने के लिए जनता मंच गठित की। मंच के अध्यक्ष स्व. भगवतीलाल पालीवाल थे। जगदीश पालीवाल (जग्गु दा पान वाले), प्रकाश पालीवाल (बैंक वाले), भगवतीलाल पालीवाल (वर्तमान मंदिर अधिकारी), वीएस चौहान, एमके व्यास, सुरेश गुप्ता (न्यूज एजेंसी), मनोहरगिरी गोस्वामी, महावीर जैन, स्व. रमेश दाधीच, छन्नुसिंह चौधरी, जयसिंह राणावत, सत्यनारायण उर्फ शिवजी शर्मा, गोटूलालजी (गोटू बा), पूर्व पालिकाध्यक्ष महेश पालीवाल, भानु पालीवाल, हरगोविंद पालीवाल आदि प्रमुख कार्यकर्ता थे। टेंट व्यवस्था विष्णुजी जोशी व बिजली का प्रबंध स्व. सम्पत चोरडिय़ा के जिम्मे था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो