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घर घर रिद्धि सिद्धि संग पधारे गजानन, वैदिक परंपरा से मूर्तियों की प्रतिष्ठा

locationराजसमंदPublished: Sep 14, 2018 10:17:33 am

Submitted by:

laxman singh

गणेश चतुर्थी महोत्सव: पर धराया विशेष भोग और पूजा

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घर घर रिद्धि सिद्धि संग पधारे गजानन, वैदिक परंपरा से मूर्तियों की प्रतिष्ठा

राजसमंद. ढोल- ढमाके पर थिरकते युवा। हर गली, मोहल्लों में बिखरती भक्ति भजनों की स्वरलहरियां। बीच में धूम- धड़ाके की आवाज में लगते ‘गणपति बप्पा मोरिया…’ के जयकारें। भक्ति भजनों व जयकारों के बीच गणेशजी के दर्शनों के लिए व्यापारी तो क्या राहगीर भी लालायित दिखे। दिनभर गणेशजी के जयकारें फिजां में गूंजते रहे और गणपति की प्रतिमा स्थापना व पूजा अनुष्ठान का दौर देर रात तक जारी रहा।
कुछ ऐसा ही माहौल गुरुवार को गणेश चतुर्थी के अवसर पर राजसमंद शहर के साथ जिलेभर में रहा। शहर में मुखर्जी चौराहा, सर्राफा बाजार, कांकरोली चौपाटी, बस स्टैण्ड़, मंडा, राजनगर, धोइन्दा सहित कई गली- मोहल्लों में नवयुवक मण्डल के कार्यकर्ता ढोल ढमाके के साथ गणपति प्रतिभा लाए और वैदिक अनुष्ठानों के साथ स्थापित की गई। नौचौकी रोड राजसमंद स्थित मंशापूर्ण गणपति के प्राचीन मंदिर में दर्शनों के लिए सुबह से ही दर्शनार्थियों की आवाजाही बनी रही। सुबह विशेष पूजा-अर्चना की गई तथा दोपहर में नारियल जल, दूध व दुर्वा से सहस्त्रनाम व अथर्वशीर्ष महाभिषेक भी हुए। हस्तिनापुर स्थित सिद्धी विनायक मन्दिर में गणेश प्रतिमा को आकर्षक शृंगार धराया गया। शहर के दोनों ही गणेश मंदिरों में दर्शनों के लिए दिनभर श्रद्धालुओं की रेलमपेल बनी रही तथा दिन ढहने के बाद लोगों को कतार में खड़े रहना पड़ा। लंबी कतार के चलते दर्शनार्थियों को करीब आधा घंटे तक खड़े रहकर इंतजार करना पड़ा।
अरविंद स्टेडियम में विराजे गणपति
राजनगर नया बस स्टैंड प सभापति सुरेश पालीवाल, आयुक्त ब्रजेश रॉय, पूर्व पालिकाध्यक्ष दिनेश पालीवाल, पार्षद दीपक शर्मा द्वारा गणपति प्रतिमा की पूजा कर आरती उतारी। फिर कुछ देर अखाड़ा कलाकारों ने कला-कौशल का प्रदर्शन किया। फिर ढोल ढमाके व गणपति बप्पा के जयकारे के साथ शोभायात्रा रवाना हुई। युवा और बच्चे जोश व उत्साह से सराबोर होकर भक्ति गीतों पर झूमते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा पंडित दीनदयाल उपाध्याय सर्कल, सदर बाजार, दाणी चबूतरा, कलालवाटी होते हुए अरविंद स्टेडियम पहुंची, जहां मूर्ति की प्रतिष्ठा की गई। जेसी ग्रुप की ओर से जलचक्की तिराहे पर दस दिवसीय महोत्सव शुक्रवार को गणपति मूर्ति स्थापना के साथ शुरू हो गया। इस दौरान अध्यक्ष अशोक टांक, हेमंत रजक (लच्छू भाई), रमेश मेवाड़ा, राकेश प्रजापत, हीरालाल माली, घनश्याम माली, प्रभुसिंह, चुन्नीलाल पंचोली, कुलदीप बोहरा, नरेन्द्रसिंह पप्सा आदि थे।
राजसमंद में भजन संध्या आज
नगरपरिषद द्वारा अरविंद स्टेडियम में शुक्रवार को भजन संध्या होगी, जिसमें लेहरूदास वैष्णव, नीता नायक सिरोही भक्ति संगीत की स्वर लहरियां बहाएगी। 15 को देश भक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम है और 16 सितम्बर को कवि सम्मेलन में डॉ. राजू बुन्देली, श्यामसुन्दर अकिंचन मथुरा, गोविन्द राठी, लक्ष्मण नेपाली, धर्मेन्द्र सोनी कोटा, चन्दा पाराशर बून्दी, सुमित्रा सरल रतलाम, कानू पण्डित नाथद्वारा, सम्पत सुरीला, सतीश आचार्य काव्य पाठ करेंगे।
गणपति का मनमोहक शृंगार
मंशापूर्ण गणेश मंदिर में गणेशजी की मूर्ति को विशेष शृंगार धराया गया। सवा नौ फीट ऊंची प्रतिमा को चांदी के बरक से शृंगारित किया व चांदी के छत्तर और पिछवाई से आकर्षक सजावट की गई। इसी तरह हस्तिनापुर स्थित सिद्धी विनायक मन्दिर में भगवान की प्रतिमा का विशेष शृंगार किया। मंदिर व मार्ग में आकर्षक लाइट डेकोरेशन से सजाया गया।
सख्ती बाद भी पीओपी की मूर्तियां प्रतिष्ठापित, अब विसर्जन पर चुनौती
जिला प्रशासन व नगरीय निकाय की सख्ती के बावजूद राजसमंद शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी कई जगह पीओपी की गणेश प्रतिमाएं स्थापित कर दी गई। इस बार पीओपी की मूर्ति छिपाने के प्रयास में कई नवयुवक मंडल नगरपरिषद की शोभायात्रा में शामिल ही नहीं हुए और निर्धारित स्थल पर मूर्ति खरीदकर महोत्सव स्थल पर ले गए और विधि विधान से स्थापित कर पूजा अर्चना शुरू कर दी। राजनगर, कांकरोली के कई गली मोहल्लों में पीओपी की मूर्तियां स्थापित हुई, जिनका अब राजसमंद झील या अन्य जलाशय में विसर्जन होगा या नहीं पाएगा। यह पुलिस, प्रशासन व नगरीय निकाय के लिए चुनौतीपूर्ण है।
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