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राजसमंद में ‘श्रीनाथजी पीठ : सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का राज्यपाल ने किया शिलान्यास

locationराजसमंदPublished: Nov 25, 2021 05:11:35 pm

Submitted by:

jitendra paliwal

नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर से जुड़ी कला-संस्कृति और परम्पराओं का होगा अकादमिक शिक्षण

राजसमंद में 'श्रीनाथजी पीठ : सेंटर ऑफ एक्सीलेंसÓ का राज्यपाल ने किया शिलान्यास

राजसमंद में ‘श्रीनाथजी पीठ : सेंटर ऑफ एक्सीलेंसÓ का राज्यपाल ने किया शिलान्यास

राजसमंद. नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर से जुड़ी कला-संस्कृति और परम्पराओं के अकादमिक शिक्षण के लिए जिले के बिलोता गांव में आवंटित भूमि पर मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैम्पस ‘श्रीनाथजी पीठ: सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का शिलान्यास बुधवार दोपहर राज्यपाल कलराज मिश्र ने किया।
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल ने कहा कि यह समय शिक्षा में वैश्विक प्रतिस्पर्धा का है। इस दौर में शिक्षा प्रसार और शोध की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए विश्वविद्यालयों को अपना विस्तार करने की जरूरत है। शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान की प्राप्ति और सक्षम मानव शक्ति का सृजन ही नहीं है, बल्कि वृहद् स्तर पर शिक्षा राष्ट्र का निर्माण करती हैं। जरूरी है कि हमारे विश्वविद्यालय उत्कृष्टता के केन्द्र स्थापित करें कि विद्यार्थियों का न केवल मस्तिष्क विकसित हो, बल्कि युवाओं की सकारात्मक मानसिकता बनाने में भी उनका योगदान हो। नई शिक्षा नीति को शुरुआत से उसे बेहतर ढंग से लागू किया गया, तो कौशल विकास की प्रक्रिया शुरू होगी। विद्यार्थी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। ऐसे पाठ्यक्रम होंगे, जिन्हें पढ़कर वह नौकरी के बारे में नहीं सोचेगा। वह खुद को कौशलयुक्त, प्रशिक्षित महसूस कर नौकरी के लिए हाथ फैलाने की बजाय अपने गुण-शिक्षा के आधार पर दूसरों को नौकरी देने की बात सोच सकेगा। यह नई शिक्षा नीति का स्वरूप है। इसे लागू करना बहुत बड़ी बात है। सुखाडिय़ा यूनिवर्सिटी पाठ्यक्रमों की विविधता पर काम कर रही है। उन्होंने ऋषि वाल्मीकि, वशिष्ठ, भारद्वाज और ऋषि दुर्वासा का उदाहरण देते हुए कहा कि कृष्णा और सुदामा जैसे विद्यार्थी गढ़ें।
– महिलाएं सर्वोपरि हैं
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि महिलाओं को पुरुषों के साथ समान लाने की बात मत कहो। महिलाएं तो हमारी पालनकर्ता हैं। संवेदनशीलता की प्रतिमूर्ति हैं। महिला शक्ति आदिशक्ति हैं। वे तो सर्वोपरि हैं। वे सृजनकर्ता हैं। उन्होंने समय-समय पर अपनी विद्वता व कर्मशीलता दिखाई है। इस पीठ में महिला महाविद्यालय भी बनने जा रहा है। नाथद्वारा पवित्र तीर्थधरा है। वैष्णव परम्परा में प्रभु श्रीनाथजी यहीं बिराजते हैं, यहीं खूंटा गड़ा था। वह यहीं विद्यामान हैं। यह एकलिंगनाथ की भी भूमि है। मेवाड़ भक्ति, शक्ति और शौर्य की भूमि है। राज्यपाल बोले, मैं अपनेआप को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे बार-बार मेवाड़ की धरती पर आने का अवसर मिलता है।
– पीठ सीखाएगी शिक्षा, व्यवहार और संस्कार
राज्यपाल ने कहा कि श्रीनाथजी पीठ ज्ञान, शिक्षा और व्यवहार-संस्कार को सिखाएगी। यहां बालिकाओं के लिए भी शिक्षण की विशेष सुविधाएं विकसित हों। भारतीय अध्यात्म, संस्कृति और धर्म की शिक्षा मिले। शिक्षा के अकादमिक विकास के साथ-साथ स्थानीय कलाओं, पिछवई, मोलेला की टेराकोटा आर्ट और उत्पादों का म्यूजियम भी बनेगा, यह सुखद है।
– शिलापूजन और पट्टिका अनावरण
इससे पूर्व यहां पहुंचने पर राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी व अन्य विशिष्ट लोगों ने उनका स्वागत किया। राज्यपाल ने सुबह 11:55 बजे पंडित कीर्तिश भट्ट के आचार्यत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन किया। फिर शिलान्यास पट्टिका का अनावरण कर समारोह में पहुंचे।
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